कोलकाता. हाइकोर्ट का फैसला आने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार को राज्य में जांच दल भेजने के बजाय मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) के लिए लंबित धनराशि जारी करनी चाहिए. अदालत के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए सुश्री बनर्जी ने कहा: केंद्र सरकार बंगाल में टीम भेज रही है, लेकिन पहले हमें बकाया धनराशि दे. पिछले कुछ वर्षों से एक भी रुपया जारी नहीं किया गया है. यह जनता का पैसा है. उन्होंने आरोप लगाया कि योजना के तहत अब तक किये गये काम के लिए श्रमिकों को भुगतान नहीं किया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा: 100 दिन की कार्य योजना के लिए धनराशि जारी नहीं की गयी है. लोगों ने काम किया, लेकिन उन्हें भुगतान नहीं किया गया. वह पैसा कौन देगा? हमने राज्य सरकार के कोष से इसका भुगतान किया है. हम अपने पैसे से ‘कर्मश्री’ योजना क्रियान्वित कर रहे हैं. पश्चिम बंगाल सरकार ने पिछले वर्ष राज्य निधि का उपयोग करते हुए लगभग 30 लाख मनरेगा श्रमिकों को 2,700 करोड़ रुपये की बकाया राशि वितरित करना शुरू किया था. ये भुगतान मार्च 2022 से लंबित है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है