कोलकाता.
किसी सड़क का कितना हिस्सा वाहनों के इस्तेमाल में आयेगा और कितना हिस्सा पैदल चलने वाले राहगीरों के लिए छोड़ा जायेगा, केंद्र सरकार इसे लेकर नयी पॉलिसी लाने वाली है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने इस संबंध में सभी राज्यों को पत्र देकर उन्हें अपने राज्य की फुटपाथ नीति पर जानकारी मांगी है. केंद्र सरकार जानना चाहती है कि किन राज्यों में यह नीति है और यदि है तो इसमें क्या है? किन राज्यों में इस संबंध में अभी तक कोई नीति नहीं है. सभी राज्यों से उनकी जानकारी मिलने के बाद नयी ””फुटपाथ नीति”” तैयार की जायेगी. इसी क्रम में, केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को भी पत्र देकर जानकारी मांगी है. जानकारी के अनुसार, सिर्फ फुटपाथ ही नहीं, बल्कि महानगर में कितने फुटओवर ब्रिज हैं, सबवे की संख्या कितनी है, इस बारे में भी जानकारी मांगी गयी है. बताया गया है कि पश्चिम बंगाल में फुटपाथ नीति यहां के शहरी विकास व नगरपालिका विभाग, लोक निर्माण विभाग व पंचायत विभाग की होनी चाहिए. राज्य सचिवालय के सूत्रों के अनुसार, शहरी विकास के विभाग से फुटपाथ को लेकर एक पॉलिसी मिली है. बाकी दोनों विभागों के पास भी कुछ जानकारी मिली है.नबान्न सूत्रों के अनुसार, दुर्घटनाओं को कम करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार दोनों ही वाहनों की गति को नियंत्रित करने के अलावा पैदल यात्रियों के फुटपाथ पर चलने को लेकर जागरूक करना चाहती हैं. इसके अलावा सड़क पार करने के लिए महत्वपूर्ण चौराहों पर फुट ओवरब्रिज बनाने पर जोर दिया गया है. हालांकि आम लोगों के अनुसार कोलकाता हो या कोई जिला, मुख्य सड़क के फुटपाथों पर हॉकरों का कब्जा है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय को फुटपाथों को लेकर एक ही नीति लाने को कहा है, जो सभी राज्यों में लागू होगी. किसी प्रमुख सड़क का कितना फुट हिस्सा फुटपाथ के लिए आवंटित होगा, सभी राज्यों के लिए एक समान नियम बनाये जायेंगे. नबान्न के अधिकारियों का कहना है कि फुटपाथों को लेकर नीति बनाना जरूरी है, लेकिन नियमों को लागू करना भी मुश्किल है. कोर्ट ने शहर की सड़कों पर फुटपाथों के अतिक्रमण को हटाने का भी आदेश दिया है. इसके बाद कोलकाता नगर निगम ने अभियान भी चलाया है. लेकिन भले ही कुछ दिन अभियान चला, लेकिन कुछ ही दिनों बाद स्थिति पहले की तरह हो गयी. फुटपाथ पर फिर से हॉकरों का कब्जा हो गया है. नतीजतन, पैदल चलने वालों को मुख्य सड़क पर उतरना पड़ता है, जिससे सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं.
नबान्न के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने पहले ही तीन विभागों से फुटपाथ नीति पर जानकारी मांगी है और विभागों द्वारा जानकारी मिलने के बाद इसे राज्य सरकार द्वारा केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय को भेजा जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है