कोलकाता. शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) ने इस बार दस्तावेज सत्यापन को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरती है. आयोग ने निर्णय लिया है कि आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की जांच तीन चरणों में की जायेगी, ताकि फर्जी प्रमाणपत्रों का समय रहते पता लगाया जा सके. आयोग से जुड़े सूत्रों के अनुसार, दस्तावेजों का पहला सत्यापन ऑनलाइन आवेदन के दौरान किया जायेगा. दूसरा चरण इंटरव्यू के समय होगा और तीसरा और अंतिम चरण काउंसलिंग के समय तय किया गया है. इन तीन स्तरों की जांच के जरिये आयोग को उम्मीद है कि किसी भी फर्जी जाति प्रमाणपत्र या शैक्षणिक दस्तावेज के आधार पर आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों की पहचान की जा सकेगी. एसएससी अधिकारियों के अनुसार, इस प्रक्रिया का एक उद्देश्य यह भी है कि आयोग की ओर से दस्तावेजों के संबंध में कोई गलती या चूक न हो. विशेष सतर्कता फर्जी ”जाति प्रमाणपत्रों” को लेकर बरती जा रही है, जो पिछली नियुक्तियों में विवाद का कारण बने थे.
उल्लेखनीय है कि हाल ही में आयोग ने नयी नियमावली अधिसूचना के माध्यम से जारी की है, जिसमें कई अहम बदलाव किये गये हैं. आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि एक जनवरी 2025 की गणना के अनुसार 40 वर्ष तक की आयु वाले अभ्यर्थी आवेदन करने के पात्र होंगे. वहीं, अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों को राज्य सरकार के नियमों के अनुसार आयु सीमा में छूट मिलेगी.
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