कोलकाता.
राज्य सरकार फिलहाल स्कूलों में लंबी छुट्टियां नहीं करने जा रही है. स्कूलों में कक्षा एक से आठ तक के लिए समग्र परीक्षाएं शुरू करने के बाद उच्च माध्यमिक कक्षाओं का तीसरा सेमेस्टर शुरू हुआ है. ऐसे में विकास भवन कुछ दिन और इंतजार करना चाहता है. ग्रीष्मकालीन अवकाश के संबंध में जल्दबाजी में निर्णय लेने के बजाय जिलावार रिपोर्ट की समीक्षा के बाद कोई निर्णय लिया जायेगा.भीषण गर्मी की चेतावनी, लेकिन लंबी छुट्टी नहीं :
इस वर्ष राज्य के सरकारी एवं राजकीयकृत स्कूलों में ग्रीष्मकालीन अवकाश 12 से 23 मई तक रहेगा. हालांकि, गर्मी पहले ही बढ़ने लगी है. अलीपुर मौसम विभाग के अनुसार, अप्रैल से जून तक पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में भीषण गर्मी पड़ सकती है.पाठ्यक्रम पूरा करना चुनौती :
राज्यभर के स्कूलों में अप्रैल, सितंबर और मई में आयोजित परीक्षाओं के आधार पर छात्रों का समग्र मूल्यांकन किया जा रहा है. अप्रैल की परीक्षाएं पहले ही शुरू हो चुकी हैं और इन परीक्षाओं के बाद उच्च माध्यमिक की तीसरे सेमेस्टर की कक्षाएं शुरू होंगी. शिक्षकों और शिक्षा संगठनों का मानना है कि अगर बिना योजना के लंबी छुट्टियां दी गयीं, तो पाठ्यक्रम पूरा करना मुश्किल हो जायेगा.शिक्षकों और संगठनों की अलग-अलग राय :
शिक्षानुरागी ””एक्य मंच”” के महासचिव किंकर अधिकारी ने कहा कि अनियोजित छुट्टियों की बजाय पहले से घोषित 85 छुट्टियां वापस लेकर गर्मी की छुट्टियों को वास्तविक रूप से बढ़ाया जाना चाहिए. स्कूलों को जिलों की स्थिति के अनुसार आवश्यक छुट्टियां देनी चाहिए या सुबह की कक्षाएं लगानी चाहिए. एक सरकारी स्कूल के प्रधानाध्यापक ने कहा कि स्कूलों की परीक्षाएं चल रही हैं और उसके बाद तीसरे सेमेस्टर की कक्षाएं शुरू होंगी. अगर लंबी छुट्टियां हुईं तो छात्रों के लिए मुश्किलें बढ़ जायेंगी.पिछले साल गर्मी की छुट्टियों का अनुभव :
राज्य सरकार के अनुसार, इस वर्ष ग्रीष्मकालीन अवकाश 12 मई से 11 दिनों का होगा. पिछले साल गर्मी की छुट्टियां 9 से 20 मई तक थीं, लेकिन मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद 21 अप्रैल को ही स्कूल बंद कर दिये गये थे और छुट्टियों की अवधि 2 जून को समाप्त हुई थी. इसका अर्थ है कि यह लगभग दो महीने की ग्रीष्मकालीन छुट्टी थी.छात्रों व परीक्षाओं पर असर :
शिक्षकों के अनुसार, अगर इस साल भी गर्मी की छुट्टियां दो महीने तक बढ़ा दी गयीं तो पूरे वर्ष का पाठ्यक्रम पूरा करना बेहद कठिन हो जायेगा. उच्च माध्यमिक परीक्षा के अभ्यर्थियों को सबसे अधिक परेशानी होगी, क्योंकि पूजा से पहले तीसरे सेमेस्टर की परीक्षाएं होनी हैं.सुबह की कक्षाओं पर जोर :
उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद के अध्यक्ष चिरंजीव भट्टाचार्य ने कहा कि अतिरिक्त छुट्टियों के पक्ष में नहीं हैं, क्योंकि सेमेस्टर प्रणाली में इससे पढ़ाई बाधित होगी. उन्होंने सुझाव दिया कि स्थिति को देखते हुए स्कूलों को दोपहर की बजाय सुबह की कक्षाएं संचालित करनी चाहिए.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है