कोलकाता. प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने हाल ही में गिरफ्तार एक पाकिस्तानी नागरिक आजाद मलिक उर्फ अहमद हुसैन आजाद उर्फ आजाद हुसैन के खिलाफ के खिलाफ धन शोधन निरोधक कानून के तहत आरोपपत्र दाखिल किया है, जो आधार, मतदाता पहचान पत्र और पासपोर्ट सहित महत्वपूर्ण सरकारी पहचान पत्र अवैध रूप से हासिल करके कोलकाता में भारतीय के रूप में रहने का आरोप उस पर लगा है. इडी ने सोमवार को एक बयान में कहा कि वह यहां आनेवाले बांग्लादेशियों के लिए ‘फर्जी’ भारतीय पहचान पत्र बना कर हवाला जैसी अन्य अवैध गतिविधियों के जरिए काले धन को सफेद बना रहा था.अदालत ने गिरफ्तार पाकिस्तानी नागरिक के खिलाफ संज्ञान लेते हुए इस मामले की सुनवाई की तारीख तय की है. इडी ने अप्रैल में इस मामले में छापेमारी की थी. उस समय इडी ने एक बयान में कहा था कि मलिक बांग्लादेशी नागरिक है, उसने मलिक को धन शोधन रोधी कानून के तहत गिरफ्तार किया है. हालांकि गहराई से जांच करने पर उसके वास्तव में पाकिस्तानी नागरिक होने का खुलासा हुआ. इडी का मामला पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा मलिक और अज्ञात अन्य के खिलाफ विदेशी अधिनियम 1946 के उल्लंघन के लिए दर्ज की गई प्राथमिकी पर आधारित है. इडी ने कहा, उसके मोबाइल फोन से 1994 का एक पाकिस्तानी ड्राइविंग लाइसेंस बरामद किया गया है. जिस पर आजाद हुसैन नाम लिखा था और उस पर आजाद मलिक उर्फ अहमद हुसैन आजाद का फोटो लगा था. इसमें उसके पिता का नाम मुमताज-उल-हक और स्थायी पता पाकिस्तान का लिखा था. चार्जशीट में कहा गया है कि ड्राइविंग लाइसेंस में उसकी जन्मतिथि 14 अगस्त 1971 दर्ज है. इडी ने कहा कि अपनी असली पहचान छिपाने के लिए आरोपी आजाद मलिक ने नया नाम अपनाया और जाली दस्तावेज जमा करके आधार, पैन (आयकर विभाग द्वारा जारी स्थायी खाता संख्या) कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, मतदाता पहचान पत्र और पासपोर्ट जैसे कई भारतीय पहचान दस्तावेज हासिल किये. जांच एजेंसी ने पाया कि यह व्यक्ति भारत और बांग्लादेश के बीच अवैध तरीके से सीमा पार धन भेजने को सुविधाजनक बनाने के लिए एक हवाला नेटवर्क संचालित करता था. आरोपी व्यक्ति अपने परिवार से मिलने के लिए अक्सर बांग्लादेश जाता था.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है