संवाददाता, कोलकाता
पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) द्वारा जारी नयी नियुक्ति अधिसूचना को लेकर एक बार फिर कानूनी विवाद खड़ा हो गया है. राज्य सरकार द्वारा हाल ही में बर्खास्त किये गये करीब 26 हजार शिक्षक-शिक्षाकर्मियों की जगह नयी नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की गयी थी, जिसे अब कलकत्ता हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला
याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता अनिंद्य मित्रा और शमीम अहमद ने सोमवार को न्यायमूर्ति सौगत भट्टाचार्य की पीठ के समक्ष यह मामला रखा. उन्होंने तर्क दिया कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा था कि केवल ‘योग्य और पात्र’ बर्खास्त शिक्षक ही नयी भर्ती प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं और उन्हें उम्र सीमा में भी छूट दी जानी चाहिए.
लेकिन एसएससी द्वारा 2025 की जो अधिसूचना जारी की गयी है, उसमें अयोग्य ठहराये गये यानी “टेंटेड” शिक्षकों को भी आवेदन की अनुमति दी गयी है. इसके अलावा, उम्र सीमा में छूट को लेकर भी कोई स्पष्ट दिशानिर्देश नहीं दिया गया है. याचिकाकर्ताओं का कहना है कि यह सीधे-सीधे सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन है.
कोर्ट ने दिया सुनवाई का आश्वासन
न्यायमूर्ति सौगत भट्टाचार्य ने दलीलें सुनने के बाद कहा कि चूंकि इस मामले की जड़ सुप्रीम कोर्ट के आदेश से जुड़ी है, अतः उसकी व्याख्या केवल सुप्रीम कोर्ट ही कर सकता है. हालांकि, उन्होंने समय सीमा को ध्यान में रखते हुए एक जुलाई को इस याचिका पर सुनवाई करने का आश्वासन दिया है.
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