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निगम के प्लांट को नहीं मिल रहा पर्याप्त कचरा

आशंका है कि यह कचरा अवैध रूप से जलाशयों को भरने में इस्तेमाल हो रहा है

कोलकाता. कोलकाता नगर निगम (केएमसी) का निर्माण और विध्वंस अपशिष्ट प्रसंस्करण प्लांट पर्याप्त कच्चा माल (निर्माण अपशिष्ट) न मिलने के कारण उत्पादन में बाधा का सामना कर रहा है. हालांकि, नियमानुसार यह कचरा निगम को देना अनिवार्य है. आशंका है कि यह कचरा अवैध रूप से जलाशयों को भरने में इस्तेमाल हो रहा है. इस समस्या के समाधान के लिए निगम आयुक्त धवल जैन की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में निर्णय लिया गया कि निर्माण अपशिष्ट निगम को न सौंपने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जायेगी. अब इंजीनियरिंग विभाग को भी निर्माण कचरा संग्रह का जिम्मा सौंपा गया है. बिल्डरों को इमारत गिराने से पहले निगम को सूचित करना होगा, ताकि कचरे को एकत्र किया जा सके. यह प्लांट पर्यावरण संरक्षण के लिए राजारहाट में स्थापित किया गया है ताकि खुले में फेंके जाने वाले कचरे से होने वाले प्रदूषण को रोका जा सके. प्लांट को प्रतिदिन 450-500 टन कचरे की आवश्यकता है, लेकिन उसे केवल 200-250 टन ही मिल रहा है. निगम ऐसे 15-20 निर्माण कार्यों की पहचान कर चुका है जहां पैसे जमा होने के बावजूद कचरा निगम को नहीं दिया गया.

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