कोलकाता.
पश्चिम बंगाल सरकार ने यहां एक लॉ कॉलेज की छात्रा के साथ कथित सामूहिक बलात्कार के मामले में कोलकाता पुलिस द्वारा की गयी जांच पर गुरुवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के समक्ष प्रगति रिपोर्ट पेश की. ‘साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज’ परिसर में एक पूर्व छात्र और दो वरिष्ठ छात्रों द्वारा एक छात्रा के साथ कथित रूप से सामूहिक दुष्कर्म किये जाने के मामले में अदालत ने पुलिस की ‘केस डायरी’ पर भी गौर किया. इस मामले में जांच की प्रगति रिपोर्ट एक सीलबंद लिफाफे में पेश की गयी. न्यायमूर्ति सौमेन सेन व न्यायमूर्ति स्मिता दास डे की खंडपीठ ने राज्य सरकार को मामले की जांच में आगे की प्रगति पर चार सप्ताह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये. अदालत ने निर्देश दिया कि मामले की अगली सुनवाई 17 जुलाई को होगी. खंडपीठ ने रिपोर्ट की एक प्रति छात्रा के परिवार के अधिवक्ता को देने और उन्हें इस रिपोर्ट के तथ्यों को उजागर नहीं करने के निर्देश दिये. पीठ ने तीन जुलाई को राज्य सरकार को ‘साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज’ में सामूहिक दुष्कर्म मामले की जांच की प्रगति पर हलफनामे के रूप में रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था. न्यायालय ने राज्य को जांच की केस डायरी भी पेश करने का निर्देश दिया था. कॉलेज परिसर में छात्रा के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म के संबंध में तीन जनहित याचिकाएं दायर की गयीं थीं.खंडपीठ ने राज्य सरकार से कहा कि वह कानून की छात्रा से जुड़ी इस ‘भयावह घटना’ के संबंध में याचिकाकर्ताओं में से एक द्वारा उठाये गये कुछ प्रश्नों पर सुनवाई की अगली तारीख पर एक रिपोर्ट के रूप में जवाब दें. राज्य से यह पूछा गया कि कैसे एक पूर्व छात्र को प्रवेश नियंत्रण प्रोटोकॉल का उल्लंघन करते हुए आधिकारिक समय के बाद कॉलेज परिसर में प्रवेश की अनुमति दी गयी और कैसे स्टाफ के सदस्य बिना किसी आधिकारिक उद्देश्य या प्रशासनिक पर्यवेक्षण के कॉलेज के कामकाजी समय के बाद भी परिसर में मौजूद रहे.
अन्य एक याचिकाकर्ता ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) को कथित सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता द्वारा शिकायत की गयी घटनाओं की ‘प्रारंभिक जांच’ करने और अदालत के समक्ष अंतरिम रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश देने का अनुरोध किया. यह दावा करते हुए कि मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा राज्य में सत्तारूढ़ राजनीतिक दल से संबद्ध हैं, याचिकाकर्ता ने जनहित याचिका में अनुरोध किया कि कथित सामूहिक दुष्कर्म मामले की निष्पक्ष जांच के लिए मामला कोलकाता पुलिस से सीबीआइ को हस्तांतरित किया जाये.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है