कोलकाता. दक्षिण कोलकाता के लॉ कॉलेज (कसबा लॉ कॉलेज) की गवर्निंग बॉडी के विस्तार को लेकर कलकत्ता यूनिवर्सिटी (सीयू) की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी नजर रख रही है. कॉलेज में गत 25 जून को बलात्कार की घटना हुई थी. इसके बाद से सभी घटनाक्रम कलकत्ता विश्वविद्यालय की तथ्य-खोजी समिति की जांच के दायरे में आ गये हैं. कमेटी ने पाया कि 2017 में गठित गवर्निंग बॉडी को चार साल बाद फिर से बनाया जाना चाहिए था, लेकिन पुरानी कमेटी को विस्तार दिया गया. कॉलेज ने एक रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिससे विश्वविद्यालय संतुष्ट नहीं है, क्योंकि इसके साथ सहायक दस्तावेज संलग्न नहीं किये गये थे. अंतरिम कुलपति शांता दत्त दे ने कहा कि कॉलेज द्वारा एक रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी है, लेकिन हमें इसके साथ संलग्न करने के लिए प्रवेश रिकॉर्ड बुक और रजिस्टर बुक जैसे कुछ दस्तावेजों की आवश्यकता है. हमने कॉलेज से जल्द से जल्द दस्तावेज जमा करने को कहा है.
सभी दस्तावेज प्राप्त करने के बाद, हम उनकी जांच करेंगे और एक अंतिम रिपोर्ट तैयार करेंगे. तथ्य-खोजी समिति ने पिछले सप्ताह कॉलेज का दौरा किया और कॉलेज की उप-प्राचार्य नयना चटर्जी से बात की. पैसे के बदले में ज्यादा एडमिशन और कॉलेज के समय में बदलाव जैसी शिकायतें सीयू की जांच के दायरे में हैं. प्रक्रिया की जांच के बाद गवर्निंग बॉडी में सीयू के नामित व्यक्ति को बदला जा सकता है. इसकी संभावना है.
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