कोलकाता.
बड़े भाई की मौत की खबर मिलने के बावजूद मृत्यु प्रमाण पत्र न मिलने से परेशान एक वृद्धा बहन ने कलकत्ता हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. कोलकाता नगर निगम की ओर से अब तक प्रमाण पत्र जारी नहीं होने पर वृद्धा ने यह कदम उठाया. न्यायाधीश तपोब्रत चक्रवर्ती और न्यायाधीश ऋतोब्रत कुमार मित्र की खंडपीठ ने वृद्धा की याचिका स्वीकार कर ली है और मामले की सुनवाई 13 जून को होने की संभावना है. वृद्धा ने अपनी याचिका में बताया कि उनके बड़े भाई सर्वे पार्क स्थित आवास में अकेले रहते थे. उनके माता-पिता और दो बड़ी बहनों का निधन पहले ही हो चुका है. मझला भाई घर छोड़कर कहीं और चला गया है. वृद्धा परिवार में व्यस्त होने के कारण लंबे समय से अपने बड़े भाई के संपर्क में नहीं थीं. हाल ही में जब वह अपने बड़े भाई का पता लगाने सर्वे पार्क स्थित आवास पर गयी, तो वहां कोई और रह रहा था. घर के लोगों ने बड़े भाई के बारे में कोई जानकारी नहीं दी, लेकिन पड़ोसियों से बात करने पर उन्हें पता चला कि उनकी मौत हो चुकी है.हालांकि, उन्हें इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली थी. इसके बाद 63 वर्षीय बहन कोलकाता नगर निगम पहुंचीं, यह जानने के लिए कि यदि उनके भाई की मृत्यु हुई है, तो मृत्यु प्रमाण पत्र तो होगा. उन्होंने मेयर फिरहाद हकीम से भी मुलाकात की. मेयर की सलाह पर वह संबंधित विभाग में गयी, लेकिन उन्हें बताया गया कि कोई मृत्यु प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं है. वृद्धा ने अदालत को बताया कि उनके बड़े भाई की वास्तव में मृत्यु हुई है या वह जीवित हैं, इसका जवाब तलाशने के लिए ही वह हाइकोर्ट पहुंची है.
वृद्धा ने अदालत को यह भी बताया कि वे पांच भाई-बहन थे-दो भाई और तीन बहनें. उनके पिता का निधन 2002 में और मां का निधन 2011 में हुआ था. मां की मौत के बाद ही मझला भाई घर छोड़कर कहीं चला गया था. बाद में पता चला कि वह दिल्ली में स्थायी रूप से अपना कारोबार शुरू कर चुका है. बड़े भाई सहित दो बहनों ने शादी नहीं की थी और तीनों एक साथ सर्वे पार्क स्थित आवास में रहते थे. बाद में उन दोनों बहनों का भी निधन हो गया था.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है