कोलकाता.
बीरभूम के लोकपुर थाना क्षेत्र में हुए विस्फोट के मामले में दोषी करार दिये गये तृणमूल कांग्रेस के पूर्व नेता बबलू मंडल को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआइए) की विशेष अदालत ने सजा मुकर्रर की है. शनिवार को न्यायाधीश शुभेंदु साहा ने बबलू को 10 वर्ष कारावास की सजा सुनायी. साथ ही उसपर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. अदालत ने मंडल को विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा तीन और पांच के तहत दोषी ठहराया है. मंडल के अलावा उसके दो बेटों निरंजन और मृत्युंजय को अदालत ने प्रोक्लेम्ड ऑफेंडर घोषित किया है.क्या है मामला : गत 20 सितंबर, 2019 को बीरभूम के लोकपुर थाना क्षेत्र में तत्कालीन तृणमूल नेता बबलू के घर में विस्फोट हुआ था. विस्फोट की तीव्रता काफी ज्यादा थी. मकान की टिन की छत उड़ गयी थी. हालांकि, घटना में कोई हताहत नहीं हुआ था. पहले स्थानीय पुलिस ने घटना की जांच शुरू की थी. इसके बाद मामले की जांच का जिम्मा सीआइडी ने संभाला.
इस घटना में बबलू और उसके दो बेटों निरंजन और मृत्युंजय के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. तीनों को गिरफ्तार भी किया गया था. हालांकि, वर्षों की जांच के बाद बबलू मंडल के दोनों बेटों को जमानत मिल गयी. उसके बाद से ही दोनों फरार हैं.इसके बाद मामले की जांच को लेकर कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गयी थी. अदालत ने मामले की जांच एनआइए को सौंपी. जांच के बाद एनआइए ने अदालत में मंडल, उसके दो बेटों व अन्य के खिलाफ विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत अदालत में आरोप-पत्र पेश किया. उस मामले में 54 लोगों ने गवाही दी थी. एनआइए की विशेष अदालत में 28 लोगों की गवाही और सबूतों के आधार पर गत गुरुवार को बबलू को इस मामले में दोषी करार दिया गया और शनिवार को उसकी सजा मुकर्रर कर दी गयी.
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