संवाददाता, कोलकाता.
बशीरहाट की चारघाट ग्राम पंचायत के हजारों ग्रामीण लंबे समय से इच्छामती नदी पर एक कंक्रीट के पुल की मांग कर रहे हैं. वर्तमान में, टिपी गांव और कटे हुए बाग के बीच नदी को पार करने के लिए लगभग 50 मीटर लंबा और आठ फीट चौड़ा एक बांस का पुल इस्तेमाल किया जाता है. यह पुल पूरी तरह से बांस पर टिका हुआ है, जिससे खासकर बारिश के मौसम में लोगों को अपनी जान जोखिम में डालकर नदी पार करनी पड़ती है.
गर्भवती महिलाओं से लेकर कॉलेज के छात्रों और किसानों तक सभी को इस पुल से भारी परेशानी उठानी पड़ती है. बारिश होने पर बांस के पुल पर पानी गिरने से यह फिसलन भरा हो जाता है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है. नदी के दोनों किनारों पर कई हजार हेक्टेयर कृषि भूमि है और फसल काटकर शहर के बाजारों तक ले जाने के लिए किसानों को इसी बांस के पुल का उपयोग करना पड़ता है. ग्रामीणों को डर है कि किसी भी समय कोई बड़ा हादसा हो सकता है. स्वरूपनगर पंचायत समिति की अध्यक्ष अनुसूया मंडल ने बताया कि लोगों को अपनी जान जोखिम में डालकर उस बांस के पुल को पार करना पड़ता है. हमने जिला नेतृत्व को पक्का पुल बनाने के लिए लिखा है. पंचायत समिति के लिए पुल बनाना संभव नहीं है, इसलिए हम जल्द ही प्रशासन से पुल बनाने के लिए कहेंगे.
स्वरूपनगर के सामुदायिक विकास विभाग के अधिकारी विनय कृष्ण रॉय ने बताया कि तीन ग्राम पंचायतों के लगभग 50 हजार लोगों को जान जोखिम में डालकर इस पुल को पार करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि अगर वहां पक्का पुल होता तो अच्छा होता. लेकिन वह इलाका हमारे विभाग के अधीन नहीं आता. वह केंद्र सरकार के अधीन है. अगर केंद्र सरकार राज्य सरकार को प्रस्ताव दे, तो शायद गांव वालों को पक्का पुल मिल जाए.
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