एजेंसियां, कोलकाता/पणजी
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने पश्चिम बंगाल में ‘‘हिंदुओं के खिलाफ हाल की हिंसा’’ को लेकर की ममता बनर्जी सरकार पर निष्क्रियता बरते जाने का गुरुवार को आरोप लगाया और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की. दक्षिण गोवा के मडगांव में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए विहिप महासचिव मिलिंद परांडे ने कहा कि उनका संगठन हिंसा की निंदा करने और राष्ट्रपति शासन लगाये जाने की मांग को लेकर दबाव बनाने के लिए 19 अप्रैल को देशभर के सभी जिलों में प्रदर्शन करेगा.
उन्होंने कहा, ‘पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग को लेकर हम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ज्ञापन सौंपेंगे. हम 19 अप्रैल को होने वाले प्रदर्शनों के दौरान संबंधित जिलाधिकारियों के माध्यम से यह मांग रखेंगे.’ उन्होंने कहा, ‘‘विरोध प्रदर्शन करना हर किसी का अधिकार है, लेकिन हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा बर्दाश्त नहीं की जा सकती. मुर्शिदाबाद, मालदा और सिलीगुड़ी में हिंदुओं को हिंसा का सामना करना पड़ रहा है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस मामले में सिर्फ खोखली बातें कर रही हैं. उन्हें अपने उन मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए, जो आपत्तिजनक बयान दे रहे हैं.’’ श्री परांडे ने कहा कि पश्चिम बंगाल के मंत्री सिद्दीकुल्लाह चौधरी ने संविधान विरोधी टिप्पणी की है और उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘‘वक्फ (संशोधन) कानून का फायदा उठाकर मुर्शिदाबाद से हिंदुओं को हटाने का प्रयास किया जा रहा है. स्थिति गंभीर रूप से चिंताजनक है.’’ विहिप नेता ने यह भी दावा किया कि हिंसा में पश्चिम बंगाल और बिहार जैसे राज्यों में फैले बांग्लादेशियों समेत ‘स्लीपर सेल’ की भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता.
संशोधित वक्फ अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान 11 और 12 अप्रैल को मुर्शिदाबाद के कुछ इलाकों में हिंसा भड़क उठी थी. हिंसा में कम से कम तीन लोगों की मौत हुई थी और कई अन्य घायल हो गये थे. इसके बाद इलाके में पुलिस, रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) और केंद्रीय बलों की तैनाती की गयी.
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