कोलकाता.
जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए राज्य स्वास्थ्य विभाग ने एक बड़ा कदम उठाया है. पंचायत स्तर पर भ्रष्टाचार के कई आरोप सामने आने के बाद विभाग ने इस संबंध में कठोरता बरतने का फैसला किया है. राज्य स्वास्थ्य विभाग ने एक अधिसूचना जारी कर नये निर्देश दिये हैं. अब तक जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने में पंचायत प्रधान और नगर पालिकाओं के चेयरमैन द्वारा नामित व्यक्ति सब रजिस्ट्रार की भूमिका निभाते थे, लेकिन नये नियम के तहत अब प्रमाण पत्र जारी करने से पहले जिलों में ब्लॉक स्वास्थ्य अधिकारी की मंजूरी लेनी होगी. यह कदम तब उठाया गया है जब कुछ समय पहले सुंदरवन की एक पंचायत से 3500 फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने का आरोप लगा था.सुंदरवन के गोसाबा ब्लॉक में पटनकली पंचायत के एक संविदा कर्मचारी को भी फर्जी प्रमाण पत्र बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. इससे पहले भी फर्जी जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के आरोप में कई लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
स्वास्थ्य भवन के एक अधिकारी ने बताया कि भ्रष्टाचार के लगातार आरोपों के बाद यह कदम पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से उठाया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है