कोलकाता.
राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है. ऐसे में भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस सरकार को लगातार घेरने के साथ ही अपने घर को सही रखने की कोशिशें भी तेज की हैं. भाजपा के नये प्रदेश अध्यक्ष के एलान के साथ ही पार्टी में एकता की कोशिशें भी तेज हो गयी हैं. साथ ही संदेश दिया है कि पार्टी से बढ़कर कोई नेता नहीं है और नेताओं को प्रमोट करने की बजाय पार्टी और पार्टी के सिंबल को ही प्रमोट किया जायेगा.इस बीच, मंगलवार को पार्टी से पिछले कुछ समय से दूरी बना रहे नेता दिलीप घोष साॅल्टलेक स्थित भाजपा कार्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने प्रदेश भाजपा के नये अध्यक्ष शमिक भट्टाचार्य से मुलाकात की. दिलीप घोष से मिलने के बाद शमिक भट्टाचार्य ने कहा : हमारी विचारधारा है- सबसे पहले देश, फिर पार्टी और फिर व्यक्ति. उन्होंने कहा कि पार्टी के नेताओं के बीच क्षणिक दूरी आ सकती है, लेकिन यह हमेशा के लिए नहीं रहेगी. भाजपा एकजुट थी, है और रहेगी. प्रदेश अध्यक्ष ने यह भी कहा कि अगले 15 दिनों में आपको एक नयी एकजुट भाजपा देखने को मिलेगी. उन्होंने कहा कि सभी भाजपा कार्यकर्ता एक प्रतीक के अनुयायी हैं, कोई भी किसी नेता का अनुयायी नहीं है.शमिक ने इस दिन कार्यकर्ताओं से कहा : एक भी कार्यकर्ता पार्टी से बाहर नहीं होना चाहिए. जो लोग यह जानते हुए भी कि वे हार जायेंगे, पार्टी का झंडा सिर पर रखे हुए हैं, वे भाजपाई हैं. आखिरकार, हम सभी भाजपा कार्यकर्ता हैं. हमारे यहां कोई बंगाल लाइन नहीं है, कोई दिल्ली लाइन नहीं है. शमिक भट्टाचार्य ने कहा कि तृणमूल में भी, जिन्होंने तृणमूल का अमृत नहीं पिया है, जिन्होंने पसीने और खून से ममता बनर्जी का प्रतीक दीवार पर लिखा है, जो तृणमूल के जमीनी कार्यकर्ता हैं, जो टिकट नहीं खरीद पाये, उन्हें अपने साथ लाना होगा. उन्होंने एक बार फिर वामपंथी-कांग्रेस कार्यकर्ताओं से बंगाल से तृणमूल कांग्रेस को हटाने के लिए भाजपा का साथ देने की बात कही. शमिक भट्टाचार्य ने अपने कार्यकर्ताओं से कहा : उन लोगों को साथ लें, जो रात के अंधेरे में क्रांति आने का इंतजार कर रहे हैं. शमिक ने कहा कि यह कार्यकर्ताओं के लिए अस्तित्व का संकट है. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि यह राष्ट्रवादी, खुले विचारों वाले, प्रगतिशील मुसलमानों के लिए आखिरी वोट है.
पार्टी से दूरी का सवाल ही नहीं, सभी पुराने कार्यकर्ता मिल कर नबान्न पर करेंगे कब्जा : दिलीप घोषप्रदेश भाजपा अध्यक्ष से मिलने के बाद पार्टी के पूर्व अध्यक्ष व पूर्व सांसद दिलीप घोष ने पत्रकारों से कहा : मैंने कहा था, सिर्फ मैं नहीं, बल्कि सभी पुराने कार्यकर्ता आपके साथ हैं. सभी पुराने कार्यकर्ता मिल कर नबान्न पर कब्जा करेंगे. सभी पुराने कार्यकर्ता प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के नेतृत्व में मिल कर लड़ेंगे. अपने संबोधन के दौरान उन्होंने बार-बार ””पुराने कार्यकर्ता”” शब्द पर जोर दिया. दिलीप घोष ने कहा : मैं पार्टी का सामान्य कार्यकर्ता हूं, कोई पदाधिकारी नहीं. मैं मेदिनीपुर का मतदाता हूं. मैं वहां के कार्यकर्ताओं के साथ काम कर रहा हूं. जिले के सभी कार्यकर्ता भी प्रदेश अध्यक्ष को शुभकामनाएं देने आये हैं. पार्टी से दूरियों के संबंध में पूछे जाने पर श्री घोष ने साफ तौर पर कहा कि पार्टी से दूरी का सवाल ही नहीं है. भाजपा कार्यालय ने गाड़ी मुहैया करायी है. मुझे जो सुरक्षा मिलती है, वह भी पार्टी ही देती है. उन्होंने कहा : मैंने अपनी हृदय की भावना से पार्टी को खड़ा किया. पार्टी के लिए 150 कार्यकर्ताओं ने अपनी जान दी. बंगाल के लाखों-करोड़ों लोगों के दिलों में आग है. मैं इसे बुझने नहीं दूंगा.
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