कोलकाता. राज्य में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने पर रोक लगाये जाने के बाद प्रदेश के बिजली मंत्री अरूप विश्वास ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि लग चुके मीटरों को सामान्य मीटर की तरह माना जायेगा. उपभोक्ताओं को बिजली बिल का भुगतान प्रत्येक तीन माह पर करना होगा. गौरतलब है कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत राज्य के कई जिलों में सरकार की ओर से स्मार्ट मीटर लगाये गये हैं. सदन में मंत्री श्री विश्वास ने दावा किया कि केंद्र सरकार के निर्देशानुसार घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के लिए ये मीटर लगाने का फैसला लिया गया था. उन्होंने व्यापक जनाक्रोश के बाद प्रक्रिया को स्थगित करने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को धन्यवाद दिया.
बिजली मंत्री ने कहा: घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के लिए प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने का काम केंद्र सरकार द्वारा जबरदस्ती थोपा गया था. मैं इस काम को रोकने के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद देता हूं. उन्होंने कहा: पहले लगाये जा चुके सभी स्मार्ट मीटर अब सामान्य मीटर माने जायेंगे और उपभोक्ताओं को पहले की तरह ही तीन महीने में एक बार बिल का भुगतान करना होगा. उल्लेखनीय है कि स्मार्ट मीटर के खिलाफ पिछले कुछ दिनों में कई जिलों में कड़े प्रतिरोध और बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन का सामना सरकार को करना पड़ रहा था. इसके बाद सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घरों में मीटर लगाने का काम रोक दिया था.
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