संवाददाता, कोलकाता
पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से हाल ही में जारी नयी ओबीसी सूची पर कलकत्ता हाइकोर्ट ने स्थगनादेश जारी किया है. लेकिन इसी बीच, राज्य के कॉलेजों में भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई है और इसी को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ हाइकोर्ट में अदालत की अवमानना का मामला दायर किया गया है. आरोप है कि स्थगन आदेश के बावजूद राज्य के कॉलेजों में दाखिले के लिए ऑनलाइन पोर्टल खोला गया है और पोर्टल पर ओबीसी-ए और ओबीसी-बी श्रेणियों का उल्लेख है. राज्य सरकार की ओर से जारी नयी अधिसूचना के मुताबिक, वहां सभी वर्गों को दाखिला दिया जा रहा है.
इसके बाद ही हाइकोर्ट में अदालत की अवमानना का मामला दायर कर सवाल उठाया गया है कि कोर्ट के आदेश के बावजूद पोर्टल क्यों खोला गया. मामले में याचिकाकर्ता ने राज्य के शिक्षा विभाग और मुख्य सचिव को पक्षकार बनाया है. गुरुवार को ओबीसी आरक्षण मामले में मुख्य याचिकाकर्ता के वकील विक्रम बनर्जी ने पोर्टल के खिलाफ अर्जी दाखिल कर अदालत का ध्यानाकर्षण किया.
उल्लेखनीय है कि राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने गत मंगलवार को पोर्टल का लॉन्च किया था. वहीं, कलकत्ता हाइकोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा 2010 के बाद जारी किये गये सभी ओबीसी प्रमाण पत्र रद्द कर दिये हैं, जिसके खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी हाइकोर्ट के फैसले पर रोक नहीं लगायी है. इसी बीच, राज्य सरकार ने नयी ओबीसी सूची प्रकाशित की थी, जिस पर हाइकोर्ट ने अंतरिम स्थगनादेश लगा दिया है. लेकिन इसके बाद भी कॉलेजों में भर्ती के लिए ओबीसी आरक्षण श्रेणियों का उल्लेख है, जिस पर सवाल उठाया गया है.
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