कोलकाता.
वेस्ट बंगाल क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट (पंजीकरण, विनियमन और पारदर्शिता) संशोधन विधेयक, 2025 सोमवार को राज्य विधानसभा में पेश किया गया. संशोधनों का उद्देश्य निजी अस्पताल के कामकाज में अधिक पारदर्शिता लाना तथा संपूर्ण चिकित्सा उपचारों की दरों सहित निश्चित दरों और शुल्कों का सख्ती से पालन करना है. अगर साफ शब्दों में कहें तो पैकेज के नाम पर निजी अस्पताल द्वारा किये जाने वाले लूट पर नकेल कसने के लिए नया कानून बनाया जा रहा है. प्रस्तावित कानून में यह अनिवार्य किया गया है कि सभी क्लिनिकल प्रतिष्ठानों को अपने अस्पताल में एक विशिष्ट स्थान पर निश्चित दरों और पैकेज शुल्कों को प्रमुखता से प्रदर्शित करना होगा और अनुमोदित सॉफ्टवेयर के माध्यम से प्रत्येक रोगी के लिए इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड रखने होंगे. विधेयक को विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने अभी तक चर्चा या पारित करने के लिए स्वीकार नहीं किया है. सोमवार को विधेयक पेश किये जाने के समय सदन में भाजपा का कोई भी विधायक मौजूद नहीं था. उधर, इस विधेयक पर मंगलवार को भी चर्चा होगी. इसके बाद इसे विधानसभा से पारित कर इस हस्ताक्षर के लिए राजपाल को भेजा जायेगा. स्वास्थ्य राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने सदन में इस विधेयक को रखा. वह इस विधेयक पर मंगलवार को जवाबी भाषण देंगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है