कोलकाता. भारत में हर साल कैंसर के 14 लाख से ज्यादा नये मामले सामने आते हैं. इनमें से अधिकांश मरीजों का कैंसर स्टेज तीन या चार में पता चलता है, जिससे उनका पूरा इलाज एक जटिल प्रक्रिया बन जाता है. पार्कवे कैंसर सेंटर के वरिष्ठ सलाहकार, मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट और चिकित्सा निदेशक डॉ आंग पेंग तिआम ने बताया कि ऐसे हालात में मल्टीडिसिप्लीनरी एप्रोच (बहु-विषयक दृष्टिकोण) न केवल इलाज में तेजी लाती है, बल्कि मरीजों को बेहतर परिणाम भी देती है. यह दृष्टिकोण मृत्यु दर को कम करके जीवित रहने की दर को बढ़ाता है. उन्होंने कहा कि कैंसर देखभाल की प्रक्रिया लगातार तेजी से उन्नत हो रही है. सिंगापुर स्थित पार्कवे कैंसर सेंटर द्वारा कोलकाता में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में डॉ तिआम ने यह भी बताया कि भारत से हर महीने लगभग 300 कैंसर मरीज चिकित्सा के लिए उनके अस्पताल पहुंचते हैं. उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक टीम सिर्फ बीमारी के इलाज से कहीं आगे बढ़कर सही मार्गदर्शन और भावनात्मक सपोर्ट देकर पूरे उपचार के दौरान रोगी की मदद करती है. इसके लिए अलग-अलग क्षेत्र के विशेषज्ञों के बीच बेहतर सहयोग और बातचीत की आवश्यकता होती है. डॉ तिआम ने बताया कि सिंगापुर स्थित पार्कवे कैंसर सेंटर ने दशकों पहले एक छोटी सी टीम के साथ कैंसर के क्षेत्र में इलाज शुरू किया था और तब से यह लगातार प्रगति कर रहा है.
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