कोलकाता. काजू की पैदावार और निर्यात बढ़ाने के लिए राज्य सरकार की ओर से विशेष योजना तैयार की गयी है, जिसके तहत काजू की खेती व कारोबार करने वाले किसान व व्यवसायियों को राज्य सरकार के ””उद्यम”” पोर्टल पर पंजीकृत किया जायेगा.
यह जानकारी राज्य के एमएसएमइ और कपड़ा मंत्री चंद्रनाथ सिन्हा ने मंगलवार को विधानसभा में दी. उन्होंने प्रश्नकाल में इंडियन सेकुलर फ्रंट (आइएसएफ) के एकमात्र विधायक नौशाद सिद्दिकी द्वारा पूछे गये एक सवाल के जवाब में सदन को बताया कि राज्य से काजू के निर्यात पर जोर दिया जा रहा है. मंत्री ने बताया कि पूर्व मेदिनीपुर, पश्चिम मेदिनीपुर और झाड़ग्राम राज्य के प्रमुख काजू उत्पादक जिले हैं. मंत्री ने कहा : पिछले साल 31 मार्च तक राज्य में 1233 काजू प्रसंस्करण इकाइयां हैं, जो सीधे 24,590 लोगों को रोजगार देती हैं. नौशाद सिद्दिकी, जो कृषि विभाग के स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य भी हैं. उन्होंने हाल ही में तीन काजू उत्पादक जिलों का दौरा किया और काजू के प्रसंस्करण से जुड़े लोगों से बातचीत की. इसके बाद सदन में मंत्री के सामने उन्होंने अपने प्रश्न को रखा. उधर, मंत्री श्री सिन्हा ने कहा कि राज्य सरकार ””भविष्यत क्रेडिट कार्ड योजना”” के तहत काजू व्यवसाय से जुड़े लोगों को सहायता प्रदान कर रही है. यह योजना 18-55 वर्ष की उम्र वाले उद्यमियों के लिए है, जो विनिर्माण, सेवा और व्यवसाय/व्यापार/कृषि आधारित गतिविधियों में नये उद्यम/परियोजनाएं/सूक्ष्म उद्यम स्थापित करने के लिए सब्सिडी से जुड़े और बिना किसी जमानत के ऋण प्रदान करते हैं. मंत्री ने बताया कि योग्य आवेदक व्यवसाय शुरू करने के लिए पांच लाख तक का व्यवसाय ऋण ले सकते हैं. सरकार द्वारा 25000 रुपये तक की बीज राशि प्रदान की जाती है.भारत से 15 फीसदी काजू का होता है निर्यात
इस दौरान नौशाद सिद्दिकी ने बताया कि भारत से दुनिया भर में 15 प्रतिशत काजू निर्यात किया जाता है और बंगाल इसमें प्रमुख निभा सकता है. इस पर मंत्री ने कहा : काजू की पैदावार व व्यवसाय से जुड़े लोगों को ग्रामीण उद्यमिता हब के माध्यम से उपकरण, मशीनें खरीदने के लिए सहायता प्रदान की जाती हैं. इस क्षेत्र में विकास के लिए सहकारी समितियों के गठन पर जोर दिया जा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है