प्रदर्शन को लेकर रातभर हिरासत में रहे केंद्रीय मंत्री बाहर आये
निजी मुचलके पर जमानत लेने से किया इनकार
कोलकाता. महानगर के एक विधि महाविद्यालय में छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना के खिलाफ प्रदर्शन करने को लेकर भाजपा के नेताओं के साथ हिरासत में लिये गये केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार रविवार सुबह पुलिस मुख्यालय से बाहर आये. भाजपा की प्रदेश इकाई के प्रमुख मजूमदार ने कहा कि उन्होंने निजी मुचलके पर जमानत लेने से इनकार कर दिया था और पुलिस ने बिना कोई आरोप लगाये उन्हें सुबह रिहा कर दिया. लालबाजार स्थित कोलकाता पुलिस मुख्यालय से बाहर आने के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा : पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र की हत्या की जा रही है. भाजपा नेता ने कहा कि पार्टी अब से ‘जमानत नहीं लेने’ का आंदोलन चलायेगी. उन्होंने कहा कि विरोध प्रदर्शन के दौरान जो लोग गिरफ्तार किये जायेंगे, वे थानों से निजी मुचलके पर जमानत नहीं लेंगे और अदालत में पेश किये जाने की मांग करेंगे.
आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में एक स्नातकोत्तर प्रशिक्षु से दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या और कॉलेज में विधि पाठ्यक्रम की छात्रा के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म की घटना की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा : महानगर में आठ महीने में शैक्षणिक संस्थानों के अंदर दुष्कर्म की दो घटनाएं हो चुकी हैं, प्रशासन कहां सो रहा है? भाजपा नेता ने कहा कि राज्य में महिला मुख्यमंत्री होने के बावजूद महिलाओं के खिलाफ अपराध की घटनाएं बढ़ रही हैं.
पुलिस ने शनिवार को मजूमदार के नेतृत्व में भाजपा की एक रैली को बीच में रोक दिया था. केंद्रीय मंत्री ने कहा : हम महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों के विरोध में यहां जुटे थे. पुलिस ने हमें रैली निकालने की अनुमति नहीं दी.
मजूमदार और पार्टी के दो अन्य नेताओं ने जमानत बॉन्ड पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया. अपने एक्स हैंडल पर मजूमदार ने लिख कर कहा कि अवैध रूप से शनिवार को उन्हें गिरफ्तार किया गया था. रविवार सुबह तक सेंट्रल लकअप में रखा गया था. उन्हें क्यों गिरफ्तार किया गया था, इसका उत्तर पुलिस नहीं दे पायी. बॉन्ड पर हस्ताक्षर नहीं करने के फैसले को नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने सही ठहराया. उन्होंने इसका समर्थन किया.
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