कोलकाता
. पश्चिम बंगाल भाजपा के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष को लेकर राजनीतिक गलियारों में अटकलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं. 21 जुलाई, जिस दिन तृणमूल कांग्रेस अपना ””शहीद दिवस”” मनाती है, को लेकर घोष के बयानों ने उत्सुकता बढ़ा दी है. हालांकि घोष ने खुलकर कुछ नहीं कहा है, लेकिन उन्होंने अपनी बात से इन अटकलों को और हवा दे दी है. उन्होंने कहा,“ मैं 21 जुलाई को किसी न किसी मंच पर रहूंगा.” अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि वह किस मंच पर दिखेंगे? हाल के दिनों में यह दबंग नेता कुछ हद तक हाशिये पर नजर आ रहे थे. हालांकि, सूत्रों के अनुसार, उन्होंने आरएसएस नेतृत्व को स्पष्ट कर दिया है कि वह अपने तरीके से काम करेंगे और उन्हें इसकी अनुमति भी मिल गयी है. इसके बावजूद दिलीप को प्रदेश भाजपा की किसी बैठक या संगठन के कार्यक्रम में निमंत्रण नहीं मिला है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बंगाल दौरे के दौरान भी घोष को किनारे ही रखा गया. इस पर घोष ने स्पष्ट किया कि उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता और दिलीप अकेले सौ के बराबर हैं. अब तक वह किसी दूसरी पार्टी में जाने की अटकलों को खारिज करते रहे हैं. लेकिन 21 जुलाई को किसी मंच पर होने की उनकी बात ने नयी चर्चा छेड़ दी है.प्रदेश भाजपा के नये अध्यक्ष के रूप में शमिक भट्टाचार्य की ताजपोशी के बाद दिलीप की अहमियत भाजपा में बढ़ सकती है. नये अध्यक्ष ने भी यह साफ किया है कि दिलीप घोष भाजपा में थे और रहेंगे. अब देखना यह है कि 21 जुलाई को राजनीतिक मैदान में क्या नया मोड़ आता है.
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