कोलकाता. जाली दस्तावेजों के जरिये भारतीय पासपोर्ट के लिए आवेदन करने के मामले की जांच के दौरान कोलकाता पुलिस ने फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट से जुड़े एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया है. इस मामले में गिरफ्तार दक्षिण 24 परगना के गोसाबा थाना क्षेत्र की पठानखाली ग्राम पंचायत के एक ठेका कर्मी गौतम सरदार के बैंक खातों के ट्रांजेक्शन कोलकाता पुलिस के सिक्योरिटी कंट्रोल आर्गेनाइजेशन (एससीओ) की जांच के रडार पर है. सूत्रों की मानें, तो एक ठेका कर्मी रहते हुए भी उसके बैंक खाते में करीब 3.5 करोड़ रुपये मिलने को लेकर पुलिस को तथ्य मिले हैं, जिसके स्रोत का पता लगाया जा रहा है. बासंती स्थित एक निजी बैंक के उसके खाते में वर्ष 2022 के बाद जमा होने वाली धनराशि में इजाफा होने लगी. हालांकि, जांच के बाबत फिलहाल पुलिस ने अभी आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है, लेकिन वह आरोपी से जुड़े तमाम तथ्यों को खंगाल रही है. इसे लेकर कोलकाता पुलिस तमाम तथ्यों को जुटाने में लगी है. साथ ही इस रैकेट से जुड़े तमाम लोगों का भी पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है. गत मई में कोलकाता पुलिस के एससीओ ने भारतीय पासपोर्ट के लिए आवेदन करने वाले पोर्ट इलाके के रहने वाले एक युवक को फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट जमा करने के आरोप में गिरफ्तार किया था. तफ्तीश में पता चला कि फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट गोसाबा से बनवाये गये थे. कोलकाता एससीओ की शिकायत के बाद गोसाबा थाने की पुलिस ने पठानखाली ग्राम पंचायत के ठेका कर्मी सरदार को गिरफ्तार किया. बाद में कोलकाता पुलिस ने आरोपी को अपनी हिरासत में लिया, ताकि फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट रैकेट से जुड़े अन्य लोगों तक पहुंचा जा सके. सरदार पर आरोप लग रहे हैं कि उसने अपने सहयोगियों की मदद से 3500 से भी ज्यादा फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट बनवाये हैं. इसके लिए तीन से पांच हजार रुपये तक लिए जाते थे. आरोपी के जरिये कौन से लोगों ने जाली बर्थ सर्टिफिकेट बनवाए और इस रैकेट में सरदार के साथ और कौन लोग शामिल थे, पुलिस इसका पता लगाने के प्रयास में है.
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