कोलकाता. ग्रुप-सी व डी कर्मचारियों को राज्य सरकार द्वारा भत्ता देने की घोषणा की गयी है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अधिवक्ता विकास रंजन भट्टाचार्य ने कहा कि यह अदालत की अवमानना है. अदालत सू मोटो कॉग्निजेंस लेगी की नहीं, यह अदालत का विषय है. वहीं अभिवक्ता सुदीप्त दासगुप्ता का कहना है कि यह अदालत की अवमानना है. आमलोगों का पैसे का उपयोग इस तरह से नहीं किया जा सकता है. लेकिन कुणाल घोष ने कहा कि शकुनी की राजनीति जो कर रहे हैं, उनके मायाजाल में न फंसें. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के लोग रुपये लेकर नौकरी बेच रहे हैं, इसलिए तृणमूल के फंड से यह भत्ता दिया जाना चाहिए. आमलोगों का पैसा कैसे सरकार दे सकती है. उन्होंने साफ कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी यदि रुपये दिये गये, तो अदालत में इसे चुनौती दी जायेगी. जिनलोगों ने मामला किया है, वही चुनौती देंगे. कहीं अदालत यह न कह दे कि जिन लोगों ने भत्ता लिया है, वे सूद के साथ वापस करें. विकास रंजन भट्टाचार्य का कहना था कि यह सिर्फ अदालत की अवमानना का मामला नहीं है, जो लोग सरकार को टैक्स दे रहे हैं, उन्हें यह सोचना होगा कि इस तरह रुपये क्या दिये जा सकते हैं. उन्हें सड़क पर उतरना चाहिए.
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