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शिकायत मिलने पर 48 घंटे में कर दी जायेगी बदहाल सड़कों की मरम्मत

राज्य विधानसभा के मॉनसून सत्र में राज्य की बदहाल सड़कें इन दिनों चर्चा का प्रमुख विषय बनी हुई हैं. बुधवार को सत्र के प्रश्नकाल में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के विधायकों ने राज्य की खराब सड़कों का मुद्दा उठाया था. इसके बाद स्पीकर बिमान बनर्जी ने लोक निर्माण मंत्री पुलक राय को विधानसभा में एक ''ड्रॉप बॉक्स'' लगाने का आदेश दिया था.

कोलकाता.

राज्य विधानसभा के मॉनसून सत्र में राज्य की बदहाल सड़कें इन दिनों चर्चा का प्रमुख विषय बनी हुई हैं. बुधवार को सत्र के प्रश्नकाल में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के विधायकों ने राज्य की खराब सड़कों का मुद्दा उठाया था. इसके बाद स्पीकर बिमान बनर्जी ने लोक निर्माण मंत्री पुलक राय को विधानसभा में एक ””””ड्रॉप बॉक्स”””” लगाने का आदेश दिया था.

सड़कों के गड्ढों की शिकायत के लिए व्हाट्सऐप नंबर जारी

स्पीकर के आदेश के एक दिन बाद, गुरुवार को लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की ओर से मंत्री पुलक राय ने सड़कों में गड्ढों की शिकायत दर्ज कराने के लिए एक व्हाट्सऐप नंबर 9088822111 जारी किया. सदन में विधायकों को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि नागरिक इस व्हाट्सऐप नंबर पर सड़क की तस्वीर के साथ उसका पूरा पता लिखकर भेज सकते हैं. मंत्री ने आश्वासन दिया कि शिकायत मिलने के बाद, पीडब्ल्यूडी द्वारा बनायी गयी सड़कों की मरम्मत अगले 48 घंटे के भीतर करा दी जायेगी. गुरुवार को विधानसभा में पीडब्ल्यूडी की सड़कों की जिलेवार विवरण वाली एक पुस्तक भी विधायकों के बीच वितरित की गयी. मंत्री ने यह भी जानकारी दी कि विभाग की वेबसाइट पर भी उनके अधिकार क्षेत्र के तहत आने वाली सड़कों की सूची उपलब्ध है. उन्होंने दोहराया कि मानसून के आगमन के साथ, अगर कोई विधायक या आम नागरिक 9088822111 पर गड्ढों वाली किसी विशेष सड़क की तस्वीर अपलोड करता है, तो 48 घंटे के भीतर उसकी मरम्मत सुनिश्चित की जायेगी. ये घोषणाएं श्री राय ने विधानसभा में पीडब्ल्यूडी और पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग (2021-22, 2022-23, 2023-24, 2024-25) पर स्थायी समिति की चौथी रिपोर्ट जारी करने के दौरान कीं.

राज्यभर में 305 पुलों का कराया गया निर्माण

मंत्री श्री राय ने बताया कि उनके विभाग ने 2011 से अब तक 32,900 किलोमीटर सड़क की मरम्मत के साथ राज्य भर में 305 पुलों का निर्माण किया है. इसके अलावा, 19 आरओबी का निर्माण किया गया है और 48,550 करोड़ रुपये की कुल लागत से 600 से अधिक पुलों का कायाकल्प किया गया है. उन्होंने यह भी जानकारी दी कि दक्षिण 24 परगना के पैलान में स्थित राज्य के रोड एंड बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट को एनएबीएल मान्यता प्राप्त हुई है और यह पूर्वी भारत में दूसरा ऐसा संस्थान बन गया है.

””यह सड़क पीडब्ल्यूडी की है”” साइनेज से जागरूकता

श्री राय ने यह भी बताया कि उनके विभाग ने लोगों को पीडब्ल्यूडी द्वारा बनायी गयी सड़कों के बारे में जागरूक करने के लिए सड़क के किनारे विभिन्न स्थानों पर ””यह सड़क पीडब्ल्यूडी की है ” संदेश वाले साइनेज भी लगाये हैं. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विधायकों का एक वर्ग अक्सर सड़कों की खराब स्थिति के लिए पीडब्ल्यूडी को दोषी ठहराता है, जबकि उन्हें यह जानकारी नहीं होती कि राज्य में सड़कों के रखरखाव के लिए कई अन्य राज्य और केंद्रीय एजेंसियां भी जिम्मेदार हैं. इसलिए, शिकायतकर्ता को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जिस सड़क के लिए वे शिकायत कर रहे हैं, वह वास्तव में PWD की है या नहीं.

केंद्र पर निशाना : राज्य सरकार ने उठाया आरओबी निर्माण का खर्च

इस दौरान मंत्री पुलक राय ने केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा. उन्होंने बताया कि रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) के निर्माण का खर्च केंद्र और राज्य सरकार को 50:50 के अनुपात में वहन करना होता है, लेकिन केंद्र सरकार अपने हिस्से की राशि का भुगतान नहीं कर रही है. उन्होंने सदन को जानकारी दी कि हाल ही में राज्य सरकार द्वारा रेलवे ट्रैक पर माजेरहाट पुल और हेमंत सेतु (टाला ब्रिज) का निर्माण कराया गया है. माजेरहाट पुल के निर्माण पर लगभग 295 करोड़ रुपये और टाला सेतु को 504 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है. इस पूरे खर्च को राज्य सरकार ने वहन किया है.

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