कोलकाता.
वक्फ कानून बनते ही मुर्शिदाबाद में लोग हिंसा पर उतर आये हैं. वक्फ कानून को लेकर अल्पसंख्यक समुदाय के लोग भड़के हुए हैं. आगजनी की घटनाएं भी हुई हैं. सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया है. स्थिति को काबू में करने के लिए जिला प्रशासन को बीएसएफ की मदद लेनी पड़ी है. अब बीएसएफ ने शमशेरगंज में राज्य पुलिस के साथ मिल कर रूट मार्च शुरू कर दिया है. इस दौरान ग्रामीण हाथ जोड़कर बीएसएफ से विनती करते नजर आ रहे हैं. लोगों बीएसएफ से अपनी अपनी रक्षा करने की मांग कर रहे हैं और सुरक्षा की गुहार लगा रहे हैं. कुछ स्थानीय लोग राष्ट्रपति शासन की भी मांग कर रहे हैं. जिले के जाफराबाद और लक्ष्मी मंदिर समेत कई हिस्से अब भी जल रहे हैं. इस बीच जाफराबाद में पिता-पुत्र की हत्या का आरोप उपद्रवियों पर लगा है. शमशेरगंज के एक निवासी ने अपने भयावह अनुभव को साझा करते हुए कहा कि बाजार में उनकी मिठाई की दुकान है. कुछ लोग बाहर से आये और उनकी दुकान पर हमला कर दिये. उपद्रवियों ने उनके घर में भी तोड़फोड़ की. वे लोग कल रात से ही बहुत डरे हुए हैं. उनके परिवार के सदस्यों ने झारखंड में एक मित्र के घर शरण ली है.इलाके की कुछ महिलाओं ने बताया कि उनके घर के दरवाजों को पूरी तरह तोड़ दिया गया है. यहीं नहीं, उनके घर पर पत्थर भी फेंके गये. एक अन्य महिला ने बताया कि हम अपने आपको बिल्कुल भी सुरक्षित महसूस नहीं कर हैं. हमें सुरक्षा दीजिए. राष्ट्रपति शासन लगाइए.
इस बीच, विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने अशांत क्षेत्र में केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग को लेकर कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है. दूसरी ओर, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया पर शांति का संदेश पोस्ट किया है. वहीं, पुलिस की ओर से अफवाहों पर ध्यान न देने और सावधान रहने की सलाह दी जा रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है