कोलकाता. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सोमवार को दो पुलिस थाना क्षेत्र के दो रेस्तरां के मालिकों पर छत पर कारोबार जारी रखने पर रोक लगा दी. न्यायालय ने रेस्तरां में किसी भी तोड़फोड़ की कार्रवाई से पहले दस्तावेजों, तथ्यों और आंकड़ों के पुनर्सत्यापन के लिए मामला केएमसी को वापस भेज दिया. सोमवार को मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति गौरांग कांत ने केएमसी को दो सप्ताह में पुनर्सत्यापन पूरा करने का निर्देश दिया. न्यायमूर्ति कांत ने केएमसी को यह भी निर्देश दिया कि वह याचिकाकर्ताओं को सुनवाई का अवसर प्रदान करे, बशर्ते कि संबंधित इमारतों में कोई अनधिकृत निर्माण न हुआ हो. अदालत ने भवानीपुर पुलिस थाना और शेक्सपियर सारणी पुलिस थाना को इमारतों पर कड़ी निगरानी रखने का निर्देश दिया. गौरतलब है कि केएमसी द्वारा पांच मई को केएमसी अधिनियम, 1980 की धारा 401 के तहत कार्य रोकने का नोटिस जारी करने के बाद याचिकाकर्ताओं ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. याचिकाकर्ता के वरिष्ठ वकील ने दलील दी कि याचिकाकर्ता सभी आवश्यक लाइसेंस और अनुमति प्राप्त करने के बाद व्यवसाय चला रहा था और संबंधित शुल्क भी चुका रहा था. केएमसी के वरिष्ठ वकील ने तर्क दिया कि नागरिक निकाय ने केएमसी अधिनियम की धारा 401 और 408 के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग न केवल अनधिकृत निर्माण को रोकने के लिए कर सकता है, बल्कि उन कार्यों को भी रोक सकता है, जो केएमसी से अनुमति प्राप्त करते समय याचिकाकर्ता द्वारा दिए गए शपथ-पत्र के विपरीत हो.
इस मामले में हाइकोर्ट ने रेस्तरां में फिलहाल कारोबार बंद रखने का निर्देश दिया.
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