उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने कहा-उम्मीद है अदालत के आदेश का पालन करेगी राज्य सरकार
कोलकाता. अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण को लेकर पैदा हुए विवाद के बीच कलकत्ता हाइकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. गुरुवार को मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश तपोब्रत चक्रवर्ती व न्यायाधीश राजशेखर मंथा की खंडपीठ ने कहा कि अदालत राज्य के कॉलेजों व विश्वविद्यालयों की प्रवेश प्रक्रिया में कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी. दाखिला प्रक्रिया जारी रहेगी. साथ ही राज्य की नयी ओबीसी सूची पर हाइकोर्ट द्वारा लगायी गयी अंतरिम रोक पर खंडपीठ ने कहा कि उम्मीद है, राज्य सरकार अदालत के आदेश का पालन करेगी. याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत को बताया कि 17 जून को हाइकोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा तैयार की गयी नयी ओबीसी सूची पर रोक लगायी थी.
इसके बावजूद, कथित तौर पर कॉलेजों में ओबीसी श्रेणियों के अनुसार दाखिले की प्रक्रिया चलती रही. वकील ने यह भी बताया कि 2010 से पहले जारी ओबीसी प्रमाणपत्रों में किसी प्रकार का श्रेणी विभाजन नहीं था, लेकिन वर्तमान में कॉलेज प्रवेश पोर्टल पर ओबीसी-ए और ओबीसी-बी के रूप में अलग-अलग श्रेणियों का उल्लेख किया जा रहा है.
वहीं, राज्य सरकार की ओर से अदालत को सूचित किया गया कि 17 जून के निर्देश के बाद एक नयी अधिसूचना जारी की गयी है, जिसमें स्पष्ट रूप से बताया गया है कि वर्तमान में ओबीसी श्रेणियों में कोई विभाजन लागू नहीं किया जायेगा.
दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद हाइकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह समूचे घटनाक्रम पर एक विस्तृत हलफनामा पेश करे.
क्या कहा अदालत ने
गुरुवार को न्यायाधीश तपोब्रत चक्रवर्ती और न्यायाधीश राजशेखर मंथा की डिवीजन बेंच ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार को यह बताना होगा कि कॉलेजों में दाखिले के लिए आवेदन लेने से लेकर प्रवेश प्रक्रिया पूरी होने तक, क्या 2010 की ओबीसी सूची के अनुसार ही भर्ती प्रक्रिया चल रही है. अदालत ने राज्य सरकार को हलफनामा के माध्यम से यह जानकारी देने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई चार जुलाई को होगी.
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