कोलकाता. पश्चिम बंगाल वन विभाग ने वित्तीय वर्ष 2023-24 और 2024-25 के दौरान 149 साल पुराने अलीपुर प्राणी उद्यान की पशु सूची में बड़ी विसंगति के बारे में मीडिया में आयी खबरों को लेकर जांच का आदेश दिया है. एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी.
खबरों में केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (सीजेडए) के निष्कर्षों का हवाला दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि वित्त वर्ष 2023-24 के अंत में 672 पशु प्रजातियां थीं, जो 2025 में घटकर 351 रही गयीं, यानी इनमें 321 कम हैं.राज्य के मुख्य वन्य जीव संरक्षक एस सुंदरियाल ने बताया कि विभाग ने खबर को लेकर जांच के आदेश दे दिये हैं. उन्होंने कहा कि इस संबंध में रिपोर्ट दो सप्ताह के भीतर प्रस्तुत की जायेगी. एक एनजीओ ‘स्वजोन’ द्वारा कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गयी थी, जिसमें उच्च न्यायालय से हस्तक्षेप करने और अलीपुर चिड़ियाघर के अधिकारियों को पशु प्रजातियों की सही संख्या बताने को कहा गया है, यदि उनकी संख्या में कोई उल्लेखनीय कमी आयी है, तो उसकी गणना पद्धति के बारे में विवरण प्रस्तुत की जाये.
याचिका के बारे में पूछे जाने पर सुंदरियाल ने कहा, हमने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है और हमने संबंधित चिड़ियाघर अधिकारियों से सभी विवरण मांगे हैं. जो भी कार्रवाई करने की आवश्यकता होगी, हम करेंगे.इधर चिड़ियाघर के कुछ अधिकारियों ने कहा कि यह विसंगति कुछ और नहीं, बल्कि गणना पद्धति में त्रुटि है, जिसे जल्द ही ठीक कर ली जायेगी.
अलीपुर चिड़ियाखाना से 321 जानवर गायब, हाइकोर्ट में मामला दायर
अलीपुर चिड़ियाखाना में सैकड़ों जानवरों के गायब होने का आरोप लगाते हुए कलकत्ता हाइकोर्ट में एक मामला दायर किया गया है. ‘स्वजन’ नामक एक स्वयंसेवी संगठन ने लगभग 150 साल पुराने इस चिड़ियाखाना के प्रबंधन पर प्रशासनिक लापरवाही का आरोप लगाया है. संगठन का दावा है कि 2023-24 वित्तीय वर्ष के अंत में अलीपुर चिड़ियाघर में 672 जानवर थे. अब यह संख्या घटकर 351 हो गयी है. कुल 321 जानवर गायब हो गये हैं. संगठन का दावा है कि पिछले 30 साल से इस तरह की अनियमितताएं हो रही हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है