नबान्न ने विभागों से पूछा मांगी जानकारी कोलकाता. राज्य सरकार की ओर से विभिन्न विभागों में विभिन्न कार्यों के लिए अलग-अलग समय पर कई समितियों का गठन किया जाता है. उन समितियों में सरकारी नौकरशाह ही नहीं, बल्कि विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ भी शामिल होते हैं. इसी तरह सुप्रीम कोर्ट और हाइकोर्ट के आदेश पर राज्य में कई समितियों का गठन किया गया है. अब राज्य सचिवालय नबान्न भवन ने किस विभाग में कितनी समितियां हैं, इसकी सूची मांगी है. राज्य सचिवालय ने विभागों से पूछा है कि समिति में कितने लोग हैं, उनके नाम, समिति क्या काम कर रही है, कितनी बैठकें हो चुकी हैं, कौन-कौन सी रिपोर्ट सौंपी गयी है, इन सभी जानकारियों को पेश करना होगा. राज्य के कार्मिक व प्रशासनिक सुधार विभाग की ओर से सभी विभागों को इसे लेकर पत्र भेजा गया है. राज्य सचिवालय के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इसी सप्ताह सभी विभागों की ओर से यह सूची भेज दी जायेगी. चूंकि कई समितियों में बाहरी लोगों को भी शामिल किया गया है, इसलिए उनके नाम भी मांगे गये हैं. हालांकि, पत्र में यह नहीं बताया गया कि इन सभी समितियों की सूची किस उद्देश्य से मांगी जा रही है. यह पत्र हर विभाग के सचिव को भेजा गया है. प्रशासनिक अधिकारियों का मानना है कि भले ही ये सभी समितियां गठित कर दी गयी हों, लेकिन राज्य सचिवालय यह जानना चाहती है कि आखिर ये क्या कर रही हैं. अगर कोर्ट किसी कारण से इस बारे में जानना चाहता है, तो किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए समितियों से जुड़ीं सभी जानकारियां राज्य सचिवालय द्वारा जुटायी जा रही हैं. राज्य सचिवालय के सूत्रों के अनुसार, स्वास्थ्य, शिक्षा, श्रम और परिवहन विभाग में विभिन्न घटनाओं के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट और हाइकोर्ट ने अलग-अलग समय पर इन समितियों के गठन का आदेश दिया है. कभी सुप्रीम कोर्ट, तो कभी हाइकोर्ट. शिक्षा विभाग में शिक्षक नियुक्ति से जुड़ी समिति से लेकर स्वास्थ्य समिति, महिला व बाल सुरक्षा समिति या परिवहन विभाग में सड़क सुरक्षा समिति तक हर विभाग में कई समितियां हैं. राज्य सचिवालय अब उन समितियों की भूमिका पर निगरानी रखना चाहता है. जरूरत पड़ने पर वे दोनों अदालतों को मामले की जानकारी देंगे और बतायेंगे कि राज्य सरकार उनके आदेशों का किस तरह से पालन कर रही है. ;राज्य सचिवालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, राज्य सरकार के अलग-अलग विभागों में अलग-अलग समितियां हैं. इन समितियों का गठन अलग-अलग कार्यों के लिए किया जाता है. एक बार वह कार्य पूरा हो जाने के बाद समिति को भंग कर दिया जाता है. इन सभी को लेकर नबान्न अपना डेटाबेस बनाना चाहता है.
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