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एचएस काउंसिल ने वोकेशनल विषयों के नंबर पैटर्न में किया संशोधन

पश्चिम बंगाल उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से कक्षा 11 और 12वीं में व्यावसायिक विषयों के लिए अंकों के वितरण को आधिकारिक रूप से संशोधित किया गया है.

कक्षा 11वीं और 12वीं में अंकों की वितरण प्रणाली में बदलाव

संवाददाता, कोलकाता

पश्चिम बंगाल उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से कक्षा 11 और 12वीं में व्यावसायिक विषयों के लिए अंकों के वितरण को आधिकारिक रूप से संशोधित किया गया है. नये निर्देश के अनुसार, परीक्षाएं अब 100 अंकों की होंगी, जो थ्योरेटिकल के लिए 50 अंकों और प्रैक्टिकल के लिए 50 अंकों के बीच समान रूप से विभाजित होंगी. परिषद ने छात्रों के अच्छे नतीजे की संभावना को देखते हुए यह नियम बनाया है.

काउंसिल के एक अधिकारी ने बताया कि थ्योरेटिकल व प्रैक्टिकल परीक्षाएं 50 अंकों के बीच समान रूप से विभाजित होंगी. काउंसिल ने सेमेस्टर 2 के छात्रों के लिए कक्षा 11 की पूरक परीक्षा के नियमों में संशोधन किया. सभी दिशा-निर्देश स्कूलों को भी जारी किये गये हैं. इसके साथ ही काउंसिल ने सेमेस्टर 2 के छात्रों के लिए कक्षा 11वीं की पूरक परीक्षा के नियमों में संशोधन किया है. काउंसिल की सूचना में बताया गया है कि कक्षा 11वीं (सेमेस्टर-1 और सेमेस्टर-2 ) और कक्षा 12वीं (सेमेस्टर-3 और सेमेस्टर-4) में प्रत्येक व्यावसायिक विषय के लिए उच्च माध्यमिक परीक्षा के कुल अंक 50 सैद्धांतिक अंक निर्धारित किये गये हैं. प्रत्येक सेमेस्टर में 25 यानी सेमेस्टर-1, सेमेस्टर-2, सेमेस्टर-3 और सेमेस्टर-4) और 50 व्यावहारिक अंकों में वितरित किये जायेंगे, जो कक्षा 11वीं के मामले में सेमेस्टर-2 और कक्षा 12वीं के मामले में सेमेस्टर-4 के दौरान समेकित तरीके से सालाना लिये जायेंगे.

वर्तमान में उच्च माध्यमिक शिक्षा पर्षद के तहत 16 व्यावसायिक विषय पेश किये जाते हैं, जिनमें आइटी, ऑटोमोबाइल, रिटेल, सुरक्षा, हेल्थकेयर, इलेक्ट्रॉनिक्स, प्लंबिंग, निर्माण, परिधान, सौंदर्य और कल्याण, संगठित खुदरा बिक्री, पर्यटन और आतिथ्य जैसे सब्जेक्ट शामिल हैं. वर्ष 2013 में मात्र चार विषयों के साथ शुरू की गयी व्यावसायिक शिक्षा में लगातार वृद्धि देखी गयी, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इसमें संरचनात्मक विसंगतियों का सामना करना पड़ा है.

काउंसिल के एक अधिकारी ने जानकारी दी कि सेमेस्टर-आधारित 9 (2) रेग्युलेशन के तहत, छात्रों को बंगला और अंग्रेजी जैसे मुख्य विषयों के साथ-साथ तीन अन्य विषयों में उत्तीर्ण होना आवश्यक है. हालांकि, ऐच्छिक के रूप में चुने गये व्यावसायिक विषयों को ””बेस्ट ऑफ फाइव”” समग्र गणना से बाहर रखा गया था. इससे छात्रों और शिक्षकों में भ्रम और असंतोष पैदा हुआ. इससे पहले, व्यावसायिक विषयों में व्यावहारिक परीक्षाओं के पक्ष में 70:30 का विभाजन था. वर्ष 2022 में काउंसिल ने छात्रों को वोकेशनल विषयों को इलेक्टिव्स के रूप में चयन करने की अनुमति दी. यानी कि सत्र 2023-2025 के एकेडमिक सत्र से उनको यह विकल्प दिया गया. हालांकि, सितंबर 2023 में इस निर्णय को पलट दिया गया, जिससे उन्हें केवल वैकल्पिक विकल्पों तक सीमित कर दिया गया.

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