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इस्राइल में फंसे हैं तेहट्ट के सैकड़ों युवक

ईरान और इस्राइल के बीच चल रहे युद्ध से पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के तेहट्ट इलाके के सैकड़ों परिवार गहरे सदमे में हैं.

प्रतिनिधि, कल्याणी.

ईरान और इस्राइल के बीच चल रहे युद्ध से पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के तेहट्ट इलाके के सैकड़ों परिवार गहरे सदमे में हैं. उनके बेटे और पति काम के सिलसिले में इस्राइल में फंसे हुए हैं और युद्ध की बढ़ती तपिश ने उनकी चिंता और बढ़ा दी है. जानकारी के अनुसार, बेतई के लालबाजार इलाके से ही लगभग 30 लोग इस्राइल में हैं. बेतई 1 और 2 पंचायत क्षेत्रों से कुल मिलाकर लगभग 100 युवक युद्धग्रस्त देश में फंसे हुए हैं. उनके परिवार भारत सरकार से उनकी सुरक्षित वतन वापसी के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग कर रहे हैं. इस मामले पर प्रशासन से भी बातचीत चल रही है. परिवार के सदस्य अपने प्रियजनों से मोबाइल फोन के जरिए व्हाट्सएप पर संपर्क बनाये हुए हैं और कभी-कभार वीडियो कॉल पर भी बात कर पा रहे हैं. हालांकि, वे अपने घर कब लौटेंगे, इस बारे में कोई निश्चित जानकारी नहीं है. इससे परिजनों की चिंता बढ़ती जा रही है.

बताया जाता है कि ये युवक अतिरिक्त आय की उम्मीद में एजेंटों के जरिए इजराइल गये थे, जिसके लिए उन्होंने करीब पांच लाख रुपये खर्च किये थे. उनमें से कई वहां निर्माण मजदूर के रूप में काम कर रहे थे. युद्ध शुरू होने से पहले सब कुछ सामान्य था, लेकिन अब हालात बदल गये हैं. खबर है कि बंगाल के ये युवक अभी सुरक्षित स्थानों पर हैं, लेकिन उनके मोबाइल फोन पर लगातार मिसाइल हमले की चेतावनी आती रहती है. इन चेतावनियों का मतलब मिसाइल हमले की संभावना है, जिसके बाद उन्हें तुरंत पास के बंकरों में छिपना पड़ता है. पिछले कई दिनों से यह रोजाना हो रहा है. हालांकि, अभी तक खाने-पीने की कोई समस्या नहीं हुई है, लेकिन आने वाले दिनों की स्थिति को लेकर चिंता बढ़ रही है. परिवार के लोग टीवी पर युद्ध की खबरें देखकर और भी घबरा रहे हैं. वे चाहते हैं कि यह युद्ध जल्द से जल्द खत्म हो.

बेतई निवासी गोश्तचरण विश्वास ने बताया कि उनके दो बेटे संजीव विश्वास और सुजीत विश्वास इजराइल में काम करते हैं. बेटों ने फोन पर बताया कि मिसाइल हमले हो रहे हैं और हमले से ठीक 10 मिनट पहले उनके मोबाइल फोन पर अलार्म बजने लगते हैं, जिसके बाद उन्हें अत्याधुनिक बंकरों में छिपना पड़ता है. गोश्तचरण ने बताया कि उनके बेटे कुछ दिनों से बंकर में ही हैं और वह बहुत डरे हुए हैं. वह सभी की सुरक्षित घर वापसी के लिए भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं. बेतई लालबाजार के सदानंद हल्दर तीन महीने पहले ही इजराइल गये थे. उनकी मां अदुरी हल्दर ने कर्ज लेकर अपने बेटे को इजराइल भेजा था. चिंतित वृद्धा बार-बार व्हाट्सएप कॉल के जरिए अपने बेटे का हालचाल ले रही हैं. बेतई की भक्त के पति देवराज भी इजराइल में हैं और वह बेसब्री से अपने पति की वापसी चाहती हैं.

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