जोड़बागान थाने में शिकायत दर्ज
कोलकाता. बेटी के जन्म के बाद पति द्वारा रिश्ते से इनकार करने और जिम्मेदारी न लेने की घटना ने एक बार फिर समाज में लिंग भेदभाव और महिला अधिकारों की गंभीर स्थिति को उजागर कर दिया है. उत्तर कोलकाता के जोड़ाबागान थाने में एक पीड़िता ने अपने पति, ससुर और सास के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी है. पुलिस ने मामला दर्ज कर गंभीरता से जांच शुरू कर दी है. क्या है मामला: राजस्थान के चूरू जिले की रहने वाली एक युवती की शादी डेढ़ साल पहले कोलकाता के बिडन स्ट्रीट निवासी युवक से हुई थी. शादी के समय ससुराल वालों ने लाखों रुपये के दहेज और जेवरात लिये थे. लेकिन विवाह के बाद महिला पर लगातार और दहेज की मांग की जाती रही.
जब महिला गर्भवती हुई, तो उसका जीवन और कठिन हो गया. उसने अपनी शिकायत में बताया कि ससुराल वाले यह जानने के लिए दबाव डालने लगे कि गर्भ में बेटा है या बेटी. महिला ने जब लिंग परीक्षण कराने से इनकार किया, तो उसे खाने और दवाइयों से वंचित कर दिया गया. बावजूद इसके, महिला ने उत्तर कोलकाता के रवींद्र सरणी स्थित एक अस्पताल में एक बेटी को जन्म दिया. लेकिन जब उसने यह खबर अपने पति को दी, तो उसने न सिर्फ बच्ची को अपनाने से इनकार कर दिया, बल्कि यह भी कहा कि यह बच्ची उसके परिवार की नहीं है.
पति के इस व्यवहार से आहत होकर महिला को राजस्थान लौटना पड़ा, जहां वह अपने पिता के साथ रह रही है. इसके बाद उसने जोड़ाबागान थाने में पति, ससुर और सास के खिलाफ दहेज प्रताड़ना, गर्भवती महिला के साथ अमानवीय व्यवहार और लिंगभेद के आरोप में शिकायत दर्ज करायी.थाने के अधिकारियों ने कहा है कि शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है और सभी तथ्यों की जांच की जा रही है.
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