सर्वे पूरा होने पर बिल्डिंग विभाग के अधिकारी करेंगे जांच
संवाददाता, कोलकातामहानगर में मॉनसून के दस्तक देने से पहले कोलकाता नगर निगम जर्जर इमारतों की पहचान शुरू कर दी है. ऐसे इमारतों को चिन्हित किये जाने के लिए निगम की ओर से एक अभियान चलाया जा रहा है. निगम के बिल्डिंग विभाग के अधिकारियों को सर्वे करने सहित उचित कार्रवाई किये जाने का निर्देश दिया गया है. हाल में ही कोलकाता के बउबाजार इलाके में एक जर्जर इमारत के ढहने से एक व्यक्ति की मौत हो गयी थी. इसलिए मॉनसून के दस्तक देने से पहले इस अभियान को शुरू किया गया है. ताकि किसी जर्जर इमारत के गिरने जैसी घटनाएं ना हो. बता दे कि निगम आयुक्त धबल जैन ने इस संबंध में पहले ही भवन विभाग के डीजी को अपडेट सूची तैयार करने का निर्देश दिया है. विभाग द्वारा सूची जमा किये जाने के बाद खतरनाक घरों का निरीक्षण किया जायेगा. निगम बिल्डिंग विभाग के अधिकारी इस कार्य को करेंगे. वे देखेंगे कि खतरनाक घर रहने योग्य हैं या नहीं. इमारत के संरचनात्मक स्थिति की भी जांच की जायेगी. सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, कोलकाता में सबसे अधिक खतरनाक इमारत बोरो 4, 5 और 6 में स्थित है. इसके अलावा बड़ा बाजार, बउबाजार, एमजी रोड, तालतला, लेनिन सारणी, एसएन बनर्जी रोड, काशीपुर, चितपुर, दमदम, पाइकपाड़ा और पोथुरियाघाट स्ट्रीट जैसे कई इलाकों में खतरनाक और पुराने घर स्थित हैं. निगम द्वारा पहले ही ऐसे कुछ इमारतों को अति जर्जर घोषित कर उसके सामने बोर्ड लगा दिया गया है. वहीं ऐसी इमारतों में रह रहे लोगों को यहां न रहने की सलाह दी गयी है. वहीं निगम आयुक्त की ओर से इस संबंध में वह बिना किसी देरी के जल्द से जल्द आवश्यक कदम उठाये जाने को कहा गया है. सूत्रों के अनुसार, कोलकाता पुलिस ने कई घरों की पहचान की है और उनकी सूची निगम को सौंप दी है. सूत्रों के अनुसार, पिछले साल शहर में ऐसे 57 खतरनाक इमारतों को नोटिस भेजा गया था. अब इस साल अति सावधानी बरतते निगम आवश्यक कदम उठाने जा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है