नदिया जिले के सीमावर्ती इलाके के लोगों में भय का माहौल
कल्याणी. नदिया जिले के कृष्णानगर पुलिस लाइन के सामने खुले बाजार में भारतीय सेना की वर्दी बिक रही है, जिससे सीमावर्ती इलाकों में भय का माहौल है. कश्मीर की घटना के बाद भी पुलिस प्रशासन द्वारा सबक न लेने का आरोप लग रहा है. सवाल उठ रहे हैं कि क्या आतंकवादी सेना की वर्दी पहनकर सीमा पार कर देश में घुसपैठ नहीं कर सकते? कश्मीर में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-बांग्लादेश सीमा से सटे नदिया जिले में दहशत है. स्थानीय निवासी बीएसएफ से सीमा पर निगरानी बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. 100 किलोमीटर से अधिक लंबी इस सीमा पर बांग्लादेश से घुसपैठ बढ़ी है, जिसे भारतीय दलाल गिरोहों का समर्थन मिल रहा है. घुसपैठिए भारतीय दस्तावेज और बैंक खाते तक बना रहे हैं. सीमावर्ती लोगों का दावा है कि हाल में मालदा और मुर्शिदाबाद में हुई तोड़फोड़ घुसपैठियों के कारण हुई, जो आसानी से कंटीली तारें पार कर या बीएसएफ से बचकर आ रहे हैं. स्थानीय रूप कुमार घोष ने कहा कि कश्मीर में आतंकवादी पहले भी सेना की वर्दी में हमले करते रहे हैं, फिर भी कृष्णानगर में पुलिस लाइन के सामने वर्दी बिकनी चिंताजनक है. सीमा पर रहने वाले और राजनेता, दोनों ही केंद्र सरकार से घुसपैठ रोकने की मांग कर रहे हैं, अन्यथा नदिया में भी आतंकी हमले हो सकते हैं. पिछले तीन महीनों में घुसपैठ की घटनाएं बढ़ी हैं, हालांकि राज्य पुलिस ने सीमावर्ती क्षेत्रों से 300 से अधिक घुसपैठियों और उनकी मदद करने वालों को गिरफ्तार किया है. कृष्णगंज तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष शुभोजित सरकार ने बीएसएफ की कार्यशैली पर सवाल उठाया है. वहीं भाजपा नेता अमित प्रमाणिक ने तृणमूल समर्थित दलालों पर घुसपैठ में मदद करने का आरोप लगाया है. बांग्लादेश में तनाव के बाद कई भारतीयों को वहां से लौटना पड़ा था और अब कश्मीर के हमले के बाद सीमावर्ती हजारों परिवार फिर से डर में जी रहे हैं.
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