इलाज खर्च लौटाने का निर्देश
कोलकाता. शहर में एक स्किन केयर क्लिनिक पर गाज गिर सकती है. क्योंकि इस क्लिनिक को बगैर लाइसेंस के चलाया जा था. चिकित्सा से संबंधित एक मामले की सुनवाई के दौरान यह बात सामने आयी कि बगैर लाइसेंस के ही क्लीनिक को चलाया जा रहा है. इसपर वेस्ट बंगाल क्लीनिकल एस्टैब्लिसमेंट रेगुलेटरी कमीशन ने राज्य के स्वास्थ्य सेवा निदेशक को जांच करने का निर्देश दिया. ताकि यह पता चल सके कि कैसे इतने बड़े क्लीनिक को बिना लाइसेंस के चलाया जा रहा था.क्या है मामला
वेस्ट बंगाल क्लीनिकल एस्टैब्लिसमेंट रेगुलेटरी कमीशन में ओलिवा स्किन केयर के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी गयी थी. इस संबंध में सोमवार को कमीशन के चेयरमैन एवं पूर्व जस्टिस असीम कुमार बनर्जी ने बताया कि संभवी पंसारी अपनी बेटी दिशा पंसारी की हेयर रिमूवल लेजर थेरेपी के लिए यहां आयीं थीं. लेजर के दौरान बर्न इंजरी सह अन्य घाव भी हुए थे. इसका वहां इलाज भी चल रहा था लेकिन सुधार नहीं होने पर मरीज दूसरे सेंटर में पहुंची. जहां इलाज के बाद अब वह स्वस्थ भी है. इस मामले की जांच के दौरान आयोग को पता चला है कि वेस्ट बंगाल क्लीनिकल एस्टैब्लिसमेंट 217 के तहत इस क्लीनिक के पास लाइसेंस भी नहीं है. उधर, क्लीनिक की ओर से सफाई दी गयी है कि लाइसेंस के लिए वे आवेदन पहले ही कर चुके हैं. लेकिन उन्हें वह मिला नहीं है. ऐसे में इस मामले को आयोग ने गंभीरता से लिया है. चेयरमैन असीम कुमार बनर्जी ने बताया जब लाइसेंस ही नहीं था तो कैसे इस तरह के क्लीनिक को चलाया जा सकता है? उन्होंने राज्य में स्वास्थ्य सेवा निदेशक को इस पूरे मामले में जांच कराये जाने का आदेश दिया है. वहीं लेजर थेरेपी के लिए एक लाख 64 हजार 400 रुपये मरीज की मां ने भुगतान किया था. कमीशन ने यह पूरी राशि लौटाने के लिए क्लीनिक को निर्देश दिया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है