कोलकाता. रविवार को राज्य में ‘जमाई षष्ठी’ मनायी गयी, जिसमें दामादों का बड़े धूमधाम, रीति-रिवाज और स्वादिष्ट व्यंजनों के साथ स्वागत किया गया. पारंपरिक अनुष्ठान में सास पूजा करती हैं और दामादों की कलाई पर पवित्र धागा (षष्ठी सूत्र) बांधती हैं. वे दामादों की खुशहाली के लिए प्रार्थना करती हैं, जिसके बाद एक शानदार दावत का आयोजन होता है. कई लोगों के लिए यह दिन लंबे समय तक साथ रहने और परिवार के साथ घुलने-मिलने का भी अवसर होता है. राज्य में इस अवसर पर लोगों में सुबह से ही उत्साह दिखने लगा. विवाहित बेटियां नयी साड़ियां पहनकर कुर्ता पहने अपने पतियों के साथ मायके जाती दिखीं. शनिवार शाम और रविवार सुबह शहर के बाजरों में भारी भीड़ देखी गयी. कोलकाता और इसके उपनगरों में मिठाई की दुकानों पर लोगों की लंबी कतारें देखी गयीं. सुबह ही बाजारों में रौनक रही. बंगाली हिंदू परंपरा में जमाई षष्ठी, पारिवारिक सद्भाव और ससुराल वालों के बीच मधुर संबंध का प्रतीक है.
जमाई षष्ठी पर पुलिस के घोड़ों को मिला एसी ब्लॉक का तोहफा
भीषण गर्मी के बढ़ते प्रकोप के बीच कोलकाता पुलिस ने अपने घोड़ों को राहत देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. जमाई षष्ठी के शुभ अवसर पर अलीपुर बॉडीगार्ड लाइन में पुलिस के घोड़ों के लिए एक नया वातानुकूलित (एसी) ब्लॉक का उद्घाटन किया गया है. इससे पहले एसएन बनर्जी रोड स्थित कोलकाता माउंटेड पुलिस मुख्यालय के 38 घोड़ों के लिए एसी ब्लॉक बनाये जा चुके थे. अलीपुर बॉडीगार्ड लाइन में मौजूद 29 घोड़ों को अब गर्मी से होने वाली बीमारियों से बचाया जा सकेगा. पुलिस सूत्रों के अनुसार, 2011 से पहले गर्मी में घोड़ों के बीमार पड़ने और कुछ मामलों में उनकी मौत होने की खबरें आती थीं, क्योंकि तब सिर्फ पंखों से ही उन्हें ठंडा रखने की कोशिश की जाती थी. 2011 के बाद कोलकाता पुलिस के विकास कार्यों के तहत, 2014 में एसएन बनर्जी रोड स्थित घुड़सवार पुलिस अस्तबल में चार एसी ब्लॉक बनाये गये. इससे बीमार घोड़ों को तुरंत एसी वातावरण में ले जाकर स्वस्थ करने में मदद मिली. इसी सफलता को देखते हुए लालबाजार ने अलीपुर बॉडीगार्ड लाइन के 29 घोड़ों के लिए भी एसी ब्लॉक बनाने का निर्णय लिया.एक पुलिस अधिकारी ने मजाकिया लहजे में कहा कि ये घोड़े हमारे लिए दामाद की तरह हैं. इसलिए जमाई षष्ठी के दिन उनके लिए यह नया एसी ब्लॉक एक उपहार है.
सेवानिवृत्त घोड़ों का भी रखा जायेगा ख्याल
अलीपुर बॉडीगार्ड लाइन में छह घोड़े सेवानिवृत्त हो चुके हैं. सामान्यतः एक घोड़ा 18 से 20 साल तक सक्रिय ड्यूटी करता है, जिसके बाद डॉक्टरों की सलाह पर उन्हें सेवानिवृत्त कर दिया जाता है. कोलकाता माउंटेड पुलिस सेवानिवृत्त और बूढ़े घोड़ों को भी अपने पास रखती है. इस नये वातानुकूलित ब्लॉक में उनके इलाज की भी पूरी व्यवस्था की गयी है.
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