कोलकाता.
जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए सेना के हवालदार झंटू अली शेख को अंतिम विदाई देने के लिए शनिवार को नदिया जिले में स्थित उनके पैतृक गांव में सैकड़ों लोग पहुंचे. उनका पार्थिव शरीर शनिवार सुबह ही तेहट्ट पत्थरघाटा गांव लाया गया था. जम्मू स्थित 166 सैन्य अस्पताल में शुक्रवार को सेना, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और जम्मू-कश्मीर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की थी. एक अधिकारी ने बताया कि शेख का पार्थिव शरीर शुक्रवार रात कोलकाता और फिर बैरकपुर लाया गया. उन्होंने बताया कि शनिवार सुबह पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव ले जाया गया. तिरंगे में लिपटा शेख का पार्थिव शरीर सुबह करीब आठ बजे उनके आवास पर लाया गया. जैसे ही पार्थिव शरीर गांव लाया गया, जाति, धर्म और संप्रदाय से ऊपर उठकर बड़ी संख्या में लोग उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए गलियों, छतों और बालकनी में एकत्र हो गये. जब शेख के परिवार के सदस्यों ने तिरंगे में लिपटे ताबूत को देखा, तो अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख सके और रो पड़े. स्थानीय मस्जिद के पास एक मंच बनाया गया था, जहां शहीद सैनिक के पार्थिव शरीर को रखा गया, ताकि स्थानीय लोग उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दे सकें. शेख की भतीजी अमीना शेख ने बताया कि उनके शरीर में छह गोलियां लगी थीं, जिसमें एक गोली उनके गले और कान में, दूसरी कान और सिर में जबकि बाकी चार गोलियां उनकी पीठ में लगी थीं.अधिकारी ने बताया कि शहीद को उनके घर के नजदीक ही पूर्वाह्न करीब 11.45 बजे सुपुर्द-ए-खाक किया गया. इस दौरान शेख की पत्नी ने कहा : उनकी मौत के लिए जिम्मेदार लोगों को दंडित किया जाना चाहिए. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सैनिक की शहादत पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए उनके शोकसंतप्त परिवार को हरसंभव सहायता देने का वादा किया. स्थानीय प्रशासन के अधिकारी और सशस्त्र बलों के प्रतिनिधि भी श्रद्धांजलि देने के लिए गांव पहुंचे. शेख के परिवार में पत्नी, 10 वर्षीय बेटा और छह वर्षीय बेटी है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है