कोलकाता. जादवपुर यूनिवर्सिटी (जेयू) के अंग्रेजी विभाग ने यूजी दाखिले से पहले मेधावी छात्रों को खोने की चेतावनी दी है. राज्य-सहायता प्राप्त विश्वविद्यालयों में ओबीसी आरक्षण को लेकर अनिश्चितता के कारण स्नातक प्रवेश पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. इस बीच, कई निजी और स्वायत्त कॉलेजों ने पहले ही अपने आवेदन विंडो बंद कर दिये हैं. अब सरकारी कॉलेज व यूनिवर्सिटी को यह चिंता है कि मेधावी छात्र उनके यहां दाखिला नहीं ले पायेंगे, क्योंकि सेंट्रलाइज्ड एडमिशन पोर्टल अब भी खुला ही नहीं है. जादवपुर विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अब तक दाखिला शुरू नहीं हुआ है. अच्छे छात्र पलायन कर रहे हैं. मेधावी छात्रों को खोने की आशंका है, क्योंकि कक्षा 12 के परिणाम प्रकाशित होने के एक महीने बाद भी विश्वविद्यालय ने स्नातक प्रवेश शुरू नहीं किया है. राज्य-सहायता प्राप्त विश्वविद्यालयों में ओबीसी आरक्षण को लेकर अनिश्चितता ने स्नातक प्रवेश पर समस्या पैदा कर दी है, जबकि कई निजी और स्वायत्त कॉलेजों ने पहले ही अपने आवेदन विंडो बंद कर दिये हैं, वहां दाखिला हो चुका है. सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेजों और विश्वविद्यालयों ने शिक्षा और नौकरियों में ओबीसी आरक्षण के लिए एक नये फॉर्मूले को मंजूरी देने के बावजूद प्रवेश रोक रखा है. ये संस्थान अभी भी प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने के लिए राज्य सरकार की मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं. अंग्रेजी विभाग के अध्ययन बोर्ड ने एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें मांग की गयी है कि प्रवेश प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाये. इसमें कहा गया है कि बीओएस (अध्ययन बोर्ड) इस बात पर अत्यधिक चिंता व्यक्त करता है कि कक्षा 12वीं के परिणाम प्रकाशित होने के एक महीने बाद भी अंग्रेजी विभाग में प्रवेश प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं हुई है. बीओएस का दृढ़ विश्वास है कि प्रवेश प्रक्रिया तुरंत शुरू की जानी चाहिए, चाहे जिस भी रूप में संभव हो, अन्यथा हम उन अच्छे छात्रों को खो देंगे, जो हमारे विश्वविद्यालय में अनिश्चितता के कारण राज्य छोड़ रहे हैं. अंग्रेजी विभाग की शिक्षिका डी मजूमदार ने कहा कि नुकसान विश्वविद्यालय का होगा. प्रवेश शुरू करने में देरी चिंता का विषय है, क्योंकि हम प्रतिभाशाली छात्रों से वंचित रह रहे हैं. वे न केवल राज्य छोड़ कर बाहर के कॉलेजों में जा रहे हैं, बल्कि महानगर के अन्य कॉलेजों में भी आवेदन कर रहे हैं. कोलकाता में जादवपुर विश्वविद्यालय को प्रतिष्ठित निजी और स्वायत्त कॉलेजों से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है. सेंट जेवियर्स कॉलेज, सेंट जेवियर्स यूनिवर्सिटी, रामकृष्ण मिशन रेजिडेंशियल कॉलेज (स्वायत्त), नरेंद्रपुर और स्कॉटिश चर्च कॉलेज जैसे संस्थानों ने अपने प्रवेश विंडो बंद कर दिये हैं, जबकि जेयू को सरकारी मंजूरी पाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. जेयू के एक शिक्षक ने कहा : एक छात्र स्वाभाविक रूप से जहां भी संभव हो, आवेदन करने और प्रवेश प्रक्रिया को बंद करने की कोशिश करेगा, बजाय इसके कि वह ऐसे संस्थान का इंतजार करे, जहां प्रवेश सत्र कब शुरू होगा, इस बारे में कोई निश्चितता नहीं है. अंग्रेजी विभाग के पूर्व प्रमुख मनोजीत मंडल ने इस बात पर जोर दिया कि प्रवेश प्रक्रिया तुरंत शुरू होनी चाहिए, अन्यथा हमें होनहार छात्र मिलना मुश्किल हो जायेगा. प्रस्ताव की एक प्रति विश्वविद्यालय अधिकारियों को भेज दी गयी है, ताकि तत्काल कार्रवाई की जा सके. राज्य द्वारा संचालित कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में स्नातक प्रवेश आमतौर पर एक केंद्रीकृत पोर्टल के माध्यम से आयोजित किये जाते हैं, जहां उम्मीदवारों की स्क्रीनिंग उनके अंकों के आधार पर की जाती है. जेयू के ज्यादातर विभाग कक्षा 12 के अंकों और प्रवेश परीक्षा के लिए समान वेटेज का उपयोग करके विद्यार्थियों की स्क्रीनिंग करते हैं. एक प्रावधान जो विश्वविद्यालय को राज्य द्वारा संचालित पोर्टल से बाहर रखता है. कई पर्यवेक्षकों के अनुसार, जेयू अपनी स्वायत्तता पर राज्य के उल्लंघन का शिकार बन गया है. अंग्रेजी विभाग ने खुले तौर पर इन चिंताओं को व्यक्त किया है, अन्य राज्य संचालित कॉलेजों को भी डर है कि प्रवेश में देरी से सीटें भरना मुश्किल हो जायेगा और अच्छे छात्रों को आकर्षित करना और भी चुनौतीपूर्ण होगा.
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