कोलकाता. कलकत्ता हाइकोर्ट की विशेष पीठ के तीन सदस्यीय न्यायाधीश ने अवमानना के एक मामले की सुनवाई करते हुए नाराजगी जाहिर की है. इस मामले के आरोपियों पर आरोप है कि उनलोगों ने विरोध के नाम पर न्यायाधीश विश्वजीत बोस की तस्वीर पर पैर रखकर प्रदर्शन किया था.
सुनवाई के दौरान न्यायाधीश सब्यसाची भट्टाचार्य ने कहा कि यह विरोध प्रदर्शन करने का कौन-सा तरीका है, जहां एक न्यायाधीश की तस्वीर पर पैर रखकर प्रदर्शन किया जा रहा है. निश्चित रूप से आप सभी उनका सम्मान नहीं कर रहे थे. न्यायाधीश ने कहा कि क्या यह व्यवहार क्या स्वीकार्य है? जज ने कहा कि माफी मांगने से समस्या का समाधान नहीं होता है. पान की दुकानों में भी जजों की आलोचना होती है. हम इस बारे में नहीं सोचते हैं, लेकिन यह कैसा व्यवहार है? इस मामले की अगली सुनवाई छह अगस्त को होगी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है