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नारकेलडांगा के तत्कालीन ओसी समेत चार को न्यायिक हिरासत

विधायक पाल समेत दो पार्षदों ने कलकत्ता हाइकोर्ट में मामले को लेकर अग्रिम जमानत की याचिका की है.

कोलकाता. महानगर में वर्ष 2021 में विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा कार्यकर्ता अभिजीत सरकार (30) की हत्या के मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) कर रही है. उक्त मामले में यहां विचार भवन स्थित स्पेशल सीबीआइ कोर्ट के निर्देश पर सीबीआइ ने तृणमूल विधायक परेश पाल. पार्षद स्वपन समाद्दार, पार्षद पापिया घोष समेत 18 आरोपियों को 18 जुलाई को अदालत में हाजिर होने के लिए सीबीआइ को समन जारी करने का निर्देश दिया था. हालांकि, विधायक पाल समेत दो पार्षदों ने कलकत्ता हाइकोर्ट में मामले को लेकर अग्रिम जमानत की याचिका की है. इस बाबत वे शुक्रवार को कोर्ट में हाजिर नहीं हुए, लेकिन इस दिन कोर्ट में नारकेलडांगा थाने के तत्कालीन ओसी शुभोजीत सेन, तत्कालीन सब इंस्पेक्टर रत्ना सरकार और होमगार्ड दीपंकर देवनाथ, सुजाता दे व अन्य अदालत में पेश हुए. मामले में सेन समेत 10 लोगों ने जमानत की अर्जी दी थी. मामले में सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने नारकेलडांगा के तत्कालीन ओसी सेन, रत्ना, देवनाथ और सुजाता यानी चार लोगों को 31 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में रखे जाने का निर्देश दिया, जबकि छह अन्य आरोपियों की जमानत का आवेदन मंजूर किया गया है. दो मई, 2021 को राज्य के विधानसभा चुनाव के नतीजे की घोषणा हुई थी. उसी दिन कांकुड़गाछी में भाजपा कार्यकर्ता सरकार की पिटाई कर हत्या करने के आरोप लगे. घटना को लेकर मृतक के भाई विश्वजीत सरकार ने पुलिस की जांच को लेकर गंभीर आरोप लगाया था. उनका आरोप था कि घटना के बाद ही आनन-फानन में घटनास्थल पर खून के दाग धो दिये गये व अन्य सबूत मिटाने व छेड़छाड़ की कोशिश की गयी. नारकेलडांगा थाने की तत्कालीन सब-इंस्पेक्टर रत्ना सरकार पर भी गंभीर आरोप लगाये.गये हैं, आरोप यह है कि उन्होंने सरकार की मां से एक सफेद कागज पर हस्ताक्षर करवाये, उस दौरान पुलिस का एक होमगार्ड मौजूद था. शुक्रवार को अदालत में हुई सुनवाई के दौरान स्पेशल सीबीआइ कोर्ट के न्यायाधीश रोहन सिन्हा ने मामले में पुलिस की भूमिका पर तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की है. उन्होंने सवाल किया कि “अगर रक्षक ही भक्षक हो, तो समाज क्या करेगा? समाज का मतलब आप और मैं.” कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद नारकेलडांगा के तत्कालीन ओसी सेन समेत चार लोगों को न्यायिक हिरासत में रखे जाने का निर्देश दिया. गौरतलब है कि कांकुड़गाछी में भाजपा कार्यकर्ता सरकार की हत्या के मामले में सीबीआइ द्वारा 30 जून को कोर्ट में दूसरा पूरक आरोपपत्र दाखिल किया था, जिसमें बेलियाघाटा के विधायक परेश पाल समेत 18 लोगों को आरोपी बनाया गया है. केंद्रीय जांच एजेंसी ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेशानुसार, नारकेलडांगा थाने में दर्ज प्राथमिकी संख्या-124/2021 (दिनांक 02.05.2021) को अपने हाथ में लेने के बाद 25 अगस्त, 2021 को प्राथमिकी दर्ज कर भाजपा कार्यकर्ता की हत्या की तफ्तीश शुरू की थी.

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