कोलकाता.
विकास भवन के सामने हुई घटना को लेकर गुरुवार की सुबह दो शिक्षक नेताओं इंद्रजीत मंडल व सुदीप कोनार को जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने के लिए कलकत्ता हाइकोर्ट के न्यायाधीश तीर्थंकर घोष ने मौखिक निर्देश दिया, लेकिन पुलिस उनके खिलाफ कोई कड़ा कदम नहीं उठा सकती है. राज्य सरकार के अधिवक्ता कल्याण बनर्जी ने न्यायाधीश से कहा कि दोनों नेताओं को थाने जाने के लिए कहें. उन्हें घटना की जानकारी देनी चाहिए. दोनों ही नेताओं को पुलिस कुछ नहीं करेगी. गुरुवार को फिर से मामले की सुनवाई होगी. न्यायाधीश ने प्राथमिक तौर पर प्रस्ताव दिया कि विकास भवन के सामने आंदोलन कर रहे शिक्षक सेंट्रल पार्क में धरना दे सकते हैं. बॉयो टायलेट, पानी की व्यवस्था राज्य सरकार करेगी. राज्य के अधिवक्ता सपन बनर्जी ने कहा कि विकास भवन के सामने आंदोलन कर रहे शिक्षकों का आचरण ठीक नहीं है. पुलिसकर्मियों को निशाना बनाया जा रहा है. अदालत ने यह जानना चाहा कि आंदोलन के लिए अनुमति ली गयी थी कि नहीं. 50 से 100 आंदोलनकारी सेंट्रल पार्क में धरना दे सकते हैं. किसी सरकारी कर्मचारी को कोई बाधा नहीं पहुंचे, यह देखना होगा. इस पर कल्याण बनर्जी ने कहा कि राज्य सरकार शांतिपूर्ण आंदोलन के पक्ष में है. गर्भवती महिला तक को रोका गया था. न्यायाधीश ने कहा कि आप शिक्षक हैं, शिक्षकों की तरह आचरण करें. यदि ऐसा नहीं करते हैं तो पुलिस कार्रवाई करनी पड़ेगी. न्यायाधीश घोष ने यह भी कहा कि आपकी दशा को हम समझ रहे हैं, लेकिन सभी सरकारी कर्मचारी तो इससे जुड़े हुए नहीं हैं. राज्य सरकार ने पुनर्विचार याचिका दायर की है. देश के बड़े अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी मामला लड़ रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने फिर से परीक्षा लेने का आदेश दिया है. इसमें हम क्या कर सकते हैं. इसलिए दोनों शिक्षकों को थाना जाने के लिए कहें. इसके बाद न्यायाधीश घोष ने मौखिक निर्देश दिया कि दोनों शिक्षक थाने जायें, पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है