संवाददाता, कोलकाता.
नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के पुराने घरेलू टर्मिनल को इस साल जुलाई में हज यात्रा के समाप्त होने के बाद ध्वस्त किया जायेगा. यह टर्मिनल 2013 से निष्क्रिय पड़ा है, जब नया एकीकृत टर्मिनल शुरू हुआ था. इसी तरह से हवाई यातायात निगरानी भवन को भी ध्वस्त किया जायेगा. यह कदम एयरपोर्ट के विस्तार योजना का हिस्सा है, जिससे भविष्य में यात्रियों के लिए बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित की जा सकें.
महामारी और हज यात्रा के दौरान हुआ था उपयोग : हालांकि, यह टर्मिनल उड़ानों के लिए प्रयोग में नहीं था, लेकिन इसका उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया गया. महामारी के दौरान इसे क्वारंटीन सेंटर बनाया गया था. वर्ष 2020-22 के दौरान यहां आरटी-पीसीआर टेस्टिंग सुविधा भी चलायी गयी. हज यात्राओं के संचालन के लिए भी यह टर्मिनल उपयोग में लाया गया.
इमारत को तोड़ने से प्राप्त होने वाली सामग्री की नीलामी का जिम्मा सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एमएसटीसी लिमिटेड को सौंपा गया है. उम्मीद है कि यह प्रक्रिया इस साल के अंत तक या अगले साल की शुरुआत में पूरी हो जायेगी.
नये यू-आकार के अंतरराष्ट्रीय टर्मिनल का होगा निर्माण :पुराने घरेलू हवाई अड्डे के टर्मिनल को एप्रन क्षेत्र से अलग करने के लिए एक दीवार का निर्माण पहले ही किया जा चुका है, जिससे इमारत को ध्वस्त करने में आसानी होगी. हज यात्रियों को मक्का तक ले जाने वाली सऊदी अरब एयरलाइंस की उड़ान तक पहुंचने में सुविधा के लिए निकास द्वार से पहले एक जगह छोड़ी गयी है.
एयरपोर्ट अधिकारी के अनुसार, यह दीवार एयरलाइनों, ग्राउंड स्टाफ, विमानों और उपकरणों की सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी है. निर्माण स्थल की घेराबंदी कंक्रीट के चबूतरे, ईंट और मोर्टार की दीवारों से की जा रही है, ताकि किसी भी प्रकार की सुरक्षा चूक न हो.
1995 में निर्मित पुराने घरेलू टर्मिनल की क्षमता 50 लाख यात्रियों की सालाना थी. इसका निर्मित क्षेत्रफल 2.4 लाख वर्ग फीट है. वर्तमान टर्मिनल की क्षमता 2.6 करोड़ यात्रियों की सालाना है और इसका निर्मित क्षेत्रफल 24 लाख वर्ग फीट है. मॉड्यूलर विस्तार के माध्यम से क्षमता को 2.8 करोड़ तक बढ़ाया जा रहा है, जिससे 71,000 वर्ग फीट अतिरिक्त जगह मिलेगी. यह परियोजना इस साल के अंत तक पूरी हो जायेगी.
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