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कोलकाता के रूफटॉप रेस्टोरेंट्स की होगी सेफ्टी ऑडिट

निगम, पुलिस, अग्निशमन विभाग और आबकारी विभाग करेगा संयुक्त ऑडिट

निगम, पुलिस, अग्निशमन विभाग और आबकारी विभाग करेगा संयुक्त ऑडिट कोलकाता. बड़ाबाजार के मछुआ फलमंडी के एक गेस्ट हाउस में आगजनी की घटना के बाद से ही कोलकाता नगर निगम और राज्य सरकार की नींद उड़ी हुई है. इस सब के बीच सीएम के निर्देश पर कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने महानगर के सभी रूफ टॉप रेस्टोरेंट को बंद करने की घोषणा के बाद निगम की ओर से निर्देशिका भी जारी की गयी थी. जिसके तहत निगम की ओर से कार्रवाई भी शुरू हो गयी थी, लेकिन रेस्टोरेंट मालिक कोर्ट पहुंच गये और कोर्ट ने रूफटॉप रेस्टोरेंटस के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई करने पर रोक लगा दी है. मामला विचाराधीन है. ऐसे में कोर्ट में धक्का लगने के बाद सरकार ने इन रूफटॉप सेफ्टी ऑडिट करने का निर्णय लिया है. इस सेफ्टी ऑडिट को कोलकाता नगर निगम, कोलकाता पुलिस, अग्निशमन (दमकल) और आबकारी विभाग के साथ मिल कर संयुक्त रूप से करेगा. इस दौरान सुरक्षा के हर पहलू, जैसे फायर लाइसेंस, आबकारी लाइसेंस, अग्निशमन प्रणाली, वैध निर्माण (इमारत) , आपातकालीन निकास सीढ़ियां और लिफ्ट की जांच की जायेगी. जो रेस्तरां शर्तें पूरी करने में विफल रहेंगे, उन्हें आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया जायेगा. ऑडिट प्रक्रिया के पूरा करने के बाद निगम इसकी रिपोर्ट कलकत्ता हाइकोर्ट को सौंपेगा.विदित होकि मछुआ अग्निकांड के बाद निगम ने शहर के सभी रूफटॉप रेस्टोरेंट को अस्थायी रूप से बंद करने का आदेश दिया था. हालांकि, रेस्टोरेंट मालिकों ने उस फैसले को चुनौती देते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. उच्च न्यायालय ने अस्थायी राहत प्रदान की, लेकिन कहा कि प्रत्येक रेस्टोरेंट को सुरक्षा शर्तों का पालन करना होगा. कोर्ट के इस आदेश के बाद निगम ने रेस्टोरेंट्स पर कड़ी निगरानी रखने का निर्णय लिया. ऐसे आरोप लगाये गये हैं कि शहर में विभिन्न लक्जरी रूफटॉप रेस्टोरेंट अक्सर फायर सेफ्टी और कानूनी आवश्यकताओं का पालन किये बिना संचालित किये जाते हैं. विशेष रूप से, अनियमितताओं के कई आरोप प्रकाश में आये हैं, जिनमें छतों पर अवैध निर्माण, पर्याप्त सीढ़ियों या लिफ्टों का अभाव सह अग्निशमन यंत्रों का खराब होना शामिल है. उधर, निगम सूत्रों के अनुसार, उक्त ऑडिट के बाद प्रत्येक रेस्टोरेंट को एक विशिष्ट समय सीमा दी जायेगी. उन्हें उस समयावधि के भीतर अपनी सारी कमी पूरी करनी होगी. ऐसा नहीं करने पर कानून के अनुसार रेस्टोरेंट को बंद करने का विकल्प खुला रहेगा. प्रशासन का कहना है कि यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए है कि कोलकाता में रेस्टोरेंट व्यवसाय सुरक्षित, नियमों के अनुसार और कानूनी रूप से संचालित हो. दूसरी ओर, निगम को रूफटॉप रेस्टोरेंट के संबंध में होटल मालिकों की बात भी सुननी चाहिए. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने यग आदेश दिया है. जस्टिस गौरांग कांत ने आदेश दिया कि रूफटॉप रेस्टोरेंट को दो सप्ताह के लिए बंद रखा जायेगा और साथ ही इसके ध्वस्तीकरण का काम भी रोक दिया जायेगा.

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