कोलकाता
. राज्य में सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ता (डीए) के तत्काल भुगतान का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया है. बताया जा रहा है कि सरकारी कर्मचारियों को डीए न देना पड़े, इसके लिए राज्य सरकार ने कोर्ट में 200 करोड़ रुपये खर्च किये हैं. इस मामले को लेकर विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी सरकार पर गंभीर आरोप लगाये हैं. उन्होंने दावा किया है कि राज्य सरकार ने कर्मचारियों को उनका वैध डीए न देने के लिए कानूनी लड़ाई में 200 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च कर दिये, जबकि यह राशि विकास कार्यों में लगायी जा सकती थी. श्री अधिकारी ने दावा किया है कि ट्राइब्यूनल और कलकत्ता हाइकोर्ट द्वारा कर्मचारियों के पक्ष में फैसला सुनाये जाने के बावजूद राज्य सरकार ने जान-बूझकर मामला सुप्रीम कोर्ट में घसीटा. सरकार को पहले ही पता था कि सुप्रीम कोर्ट में उनकी विशेष अनुमति याचिका सफल नहीं होगी, फिर भी 200 करोड़ खर्च किये गये. इतनी रकम से 10 अस्पताल या 200 स्कूल बनाये जा सकते थे.श्री अधिकारी ने यह भी कहा है कि सरकार भाग्यशाली है कि सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ 25 प्रतिशत भुगतान का निर्देश दिया, जबकि पहले कोर्ट ने 50 प्रतिशत भुगतान की बात कही थी. बाद में सरकारी वकील की गुहार पर अदालत ने सहानुभूति दिखाते हुए 25 प्रतिशत भुगतान की छूट दी.
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