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तीन वर्ष में एक बार सभी सेतु व फ्लाईओवर का ऑडिट अनिवार्य

राज्य सरकार और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधीन सभी सेतु इसके अंतर्गत आयेंगे.

कोलकाता. सुप्रीम कोर्ट की सड़क सुरक्षा समिति ने दुर्घटनाओं से बचने के लिए राज्य के सभी सेतु व फ्लाईओवरों का ऑडिट कराने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट की समिति की ओर से इसे लेकर राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत को पत्र भी भेजा गया है. इसमें कहा गया है कि राज्य के सभी सेतु व फ्लाईओवर का तीन साल में कम से कम एक बार ऑडिट कराना होगा. राज्य सरकार और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधीन सभी सेतु इसके अंतर्गत आयेंगे. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने प्रत्येक सेतु व फ्लाईओवर की स्वास्थ्य जांच कराने का आदेश दिया है. बताया गया है कि पुलों के मामले में आइआरसी मानक के अनुरूप उनके सुरक्षा नियमों को देखने को कहा गया है. राज्य सचिवालय के अनुसार, राज्य में छोटे-बड़े 2200 से अधिक पुल हैं. इनके रखरखाव की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग के पास है. हर साल मानसून आने से पहले इन पुलों का निरीक्षण किया जाता है. हालांकि, देश के सर्वोच्च न्यायालय की सड़क सुरक्षा समिति ने दुर्घटनाओं को रोकने के लिए अधिक सतर्कता बरतने का सुझाव दिया है. इस संबंध में राज्य के लोक निर्माण विभाग के अधिकारी ने बताया कि ऑडिट के दौरान आमतौर पर पुल और पुलिया के प्रत्येक हिस्से का निरीक्षण किया जाता है. उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की सड़क सुरक्षा समिति के सुझाव के अनुसार, ऑडिट के दौरान, प्रत्येक भाग की स्थिति, यदि कोई समस्या पायी जाती है, तो उसका विवरण और आवश्यक चित्र या डेटा एकत्र किया जायेगा और ऑडिट के अंत में एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जायेगी. जहां प्रत्येक भाग की स्थिति, समस्याएं और प्रस्तावित कदमों का उल्लेख किया जायेगा.

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