सिलिकोसिस मरीज चिह्नित होने पर एकमुश्त दो लाख रुपये नकद और प्रतिमाह चार हजार रुपये पेंशन का है प्रावधान
सिलिकोसिस से पीड़ित होकर 24 साल उम्र में ही मनिलाल की हो गयी मौत, एक दूधमुंहा बच्चा और पत्नी को छोड़ गये पीछे
प्रतिनिधि, आसनसोल/रूपनारायणपुर.
लाइलाज बीमारी सिलिकोसिस से पीड़ित सालानपुर प्रखंड के रामडी गांव के निवासी मनिलाल हेमब्रम की मौत रविवार को आसनसोल जिला अस्पताल में हो गयी. फरवरी माह में मनिलाल को सिलिकोसिस मरीज होने का सरकारी परिचयपत्र मिला था. सिलिकोसिस मरीज चिह्नित होने पर सरकार द्वारा पीड़ित व्यक्ति को आर्थिक पैकेज देने का प्रावधान है. जिसमें श्रम विभाग से दो लाख रुपये नकद और प्रतिमाह चार हजार रुपये तक पेंशन के अलावा भी कई सरकारी सुविधाएं मिलती हैं. सिलिकोसिस मरीज का परिचयपत्र मिलने के तीन माह बाद भी मनिलाल को किसी प्रकार की कोई सरकारी सहायता राशि नहीं मिली है और यह राशि मिलने की आस लिए ही वह इस दुनिया को छोड़कर चले गये. मनिलाल ही एकमात्र मरीज नहीं है. उनके साथ और भी कइयों को सिलिकोसिस मरीज होने का सरकारी परिचयपत्र दिया गया था, लेकिन किसी को कोई सहायता राशि नहीं मिली है. श्रम विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जिले में कुल छह मरीज अबतक चिह्नित हुए हैं. जिनमें से दो की मौत हो चुकी है. फरवरी 2025 में जो चार मरीज चिह्नित हुए हैं, उनके आवेदनों को श्रम विभाग में भेज दिया गया है. आवेदनों की मंजूरी भी मिल गयी है. सहायता राशि के रूप में दो लाख रुपये संभवतः उनके खाते में आ गये होंगे. एक मरीज मनिलाल हेमब्रम की मौत सुबह हुई है. उनके परिवार को चार लाख रुपये की सहायता राशि मिलेगी. यदि वह पेंशन के दायरे में है तो उनकी पत्नी को पेंशन मिलेगी. इससे पहले जो दो मरीज मारे गये हैं उनके आश्रित को पेंशन मिल रही है.
गौरतलब है फरवरी 2025 से पहले जिले में सिर्फ दो सिलिकोसिस के मरीजों को चिह्नित किया गया था. जबकि यह आंकड़ा सैकड़ों में होने का दावा किया जा रहा था. प्रभात खबर अखबार ने इसे लेकर मुहिम शुरू किया था. जिलाधिकारी पोन्नमबलम एस ने इसे संज्ञान में लिया और तेजी से कार्रवाई शुरू हुई. सालानपुर के रामडी गांव में शिविर लगा और उस शिविर से नये चार मरीज चिह्नित हुए.
इन सभी को स्वास्थ्य विभाग की ओर से सिलिकोसिस मरीज होने का प्रमाणपत्र मिला. इस प्रमाणपत्र के आधार पर सरकारी राहत पाने के लिए जिला के उपश्रमायुक्त के पास सभी ने आवेदन किया. सभी आवेदनों को मंजूरी के लिए श्रम विभाग में भेजा गया. सूत्रों के अनुसार सभी आवेदनों को मंजूरी मिल गयी है और उनके पुनर्वास के लिए मिलने वाला एकमुश्त दो लाख रुपये उनके बैंक खाते में भी डाल दिये गये हैं. हालांकि पीड़ितों को यह राशि नहीं मिली है.
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