मिलों में हड़ताल, सड़कों और रेलवे पर अवरोध
प्रतिनिधि, हुगली.
श्रमिक संगठनों की ओर से आहूत बंद को बुधवार को हुगली जिले के विभिन्न हिस्सों में मिला-जुला समर्थन मिला. सबसे अधिक प्रभाव बांसबेड़िया स्थित गेंजेज जूट मैन्युफैक्चरिंग कंपनी लिमिटेड और गेंजेज जूट प्राइवेट लिमिटेड में देखने को मिला, जहां सुबह से ही मजदूरों ने मिल गेट पर एकत्र होकर काम बंद रखा और हड़ताल को सफल बनाया. हालांकि किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिये मिल गेट के सामने पहले से ही बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात था. इसके बावजूद श्रमिकों ने शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन किया.
ट्रेड यूनियन नेताओं की चेतावनी और अन्य मिलों की स्थिति : सीआइटीयू नेता जुल्फिकार अली, रणजीत राय, जूट मिल ट्रेड यूनियन के विश्वनाथ साहा, दिलीप साव, शुभेंदु सरकार, सरोज झा, कृष्णा यादव, जितेंद्र साव, एमडी रुस्तम, ललन कुमार, शंकर दास, सपन मंडल समेत कई श्रमिक नेता मौके पर मौजूद थे. ट्रेड यूनियन नेताओं ने श्रमिकों को धन्यवाद देते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लायी गई श्रम संहिताओं को रद्द करना होगा और राज्य व केंद्र की श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ आंदोलन जारी रहेगा. जिले के अन्य मिलों में भी बंद का असर देखा गया. भद्रेश्वर की श्यामनगर नॉर्थ जूट मिल सहित कई जूट मिलों में मजदूर काम पर नहीं पहुँचे. रिसड़ा में मजदूरों ने जीटी रोड अवरोध कर प्रदर्शन किया, जिसे रिसड़ा थाना के प्रभारी संजय सरकार ने समझा-बुझाकर हटवाया.
रेल और सड़क यातायात भी प्रभावित
बंद समर्थकों ने रेलवे सेवाओं को भी प्रभावित किया. चुंचुड़ा और हुगली स्टेशन पर वामपंथी दलों और उनके समर्थकों ने ट्रेनों को रोका, जिससे यात्रियों को परेशानी हुई. हुगली स्टेशन पर एक यात्री नरेन दास के साथ धक्का-मुक्की की घटना भी हुई, जिसे आरपीएफ ने तुरंत नियंत्रित किया. रिसड़ा से कोन्नगर के बीच रेल पटरी पर बंद समर्थकों के बैठ जाने से अप और डाउन दोनों दिशाओं की ट्रेनें रुकी रहीं, जो रेलवे अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद चलीं. बालागढ़ थाना क्षेत्र के जिराट मोड़ पर भी सड़क अवरोध हुआ, जिससे स्थानीय यातायात प्रभावित हुआ. पांडुआ स्टेशन पर पूर्व विधायक अमजद हसन के नेतृत्व में रेल रोको आंदोलन भी हुआ, जिसे अधिकारियों ने समझा-बुझाकर समाप्त कराया.
बस सेवा प्रभावित, ऑटो-टोटो से आंशिक राहत : बस सेवाओं पर भी बंद का असर दिखा. चुंचुड़ा बस स्टैंड पर अधिकांश बसें नहीं चलीं, हालांकि ऑटो और टोटो आंशिक रूप से चलते रहे, जिससे यात्रियों को थोड़ी राहत मिली. कुल मिलाकर जिले में बंद का मिला-जुला असर देखा गया. श्रमिकों ने संगठित रूप से हड़ताल का समर्थन किया, वहीं आम जनता को यातायात बाधित होने के कारण काफी असुविधा का सामना करना पड़ा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है