सियालदह-नयी दिल्ली राजधानी के फर्स्ट एसी कोच में बनाया गया संग्रहालय
श्रीकांत शर्मा, कोलकातासियालदह-नयी दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस की 25 वर्षों की गौरवपूर्ण यात्रा अब केवल स्मृतियों में नहीं, बल्कि चलती ट्रेन में भी देखी जा सकेगी. डीआरएम सियालदह, राजीव सक्सेना की पहल से इस ट्रेन के प्रथम वातानुकूलित (फर्स्ट एसी) कोच को एक चलायमान संग्रहालय- ‘म्यूजियम ऑन व्हील्स’ में तब्दील कर दिया गया है. सियालदह मंडल के कैरिज एंड वैगन विभाग ने इस एच-1 कोच को ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों से सुसज्जित किया है. इस अनूठे प्रयास के तहत यात्रियों को कोलकाता और नयी दिल्ली के बीच की ऐतिहासिक कड़ियों, राजधानी एक्सप्रेस की शुरुआत की जरूरत और इसके सफरनामे से जुड़ी रोचक जानकारी चित्रों और दस्तावेजों के माध्यम से दी जा रही है. कोच के अंदरूनी हिस्से को आकर्षक रंगों, कालीनों, ऐतिहासिक चित्रों और पेंटिंग्स से सजाया गया है. बंगाल की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाते हुए स्वामी विवेकानंद, रवींद्रनाथ टैगोर और राजा राममोहन राय जैसे महान विभूतियों के योगदान को भी चित्रित किया गया है.
इतना ही नहीं, दुर्गापूजा जैसे पर्वों की झलक और दोनों महानगरों- कोलकाता और दिल्ली के ऐतिहासिक स्थलों व परंपराओं की जानकारी भी दी गयी है. 24 यात्रियों की क्षमता वाले इस कोच को अब सिर्फ आरामदायक नहीं, बल्कि एक शैक्षिक और सांस्कृतिक अनुभव का केंद्र भी बना दिया गया है.डीआरएम राजीव सक्सेना ने कहा : ‘ म्यूजियम ऑन व्हील्स’ न सिर्फ एक प्रदर्शनी है, बल्कि कोलकाता और दिल्ली की ऐतिहासिक विरासत से आम लोगों को जोड़ने का एक माध्यम है. सियालदह राजधानी के 25 वर्ष पूरे होना गर्व की बात है और इस पहल के जरिये हम उस गौरव को साझा करना चाहते हैं.
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