कोलकाता. राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की टीम ने सोमवार को पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में तमन्ना खातून के घर पहुंच कर उनके परिवार से मुलाकात की तथा औपचारिक रूप से परिजनों का बयान दर्ज किया. कालीगंज विधानसभा उपचुनाव में 23 जून को पार्टी की जीत के बाद तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के समर्थकों द्वारा कथित तौर पर आयोजित विजय के जश्न के दौरान बम विस्फोट में 10 वर्षीय तमन्ना की मौत हो गयी थी. तमन्ना की मां ने सोमवार को आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उनकी बेटी की मौत की निष्पक्ष पुलिस जांच में बाधा डाल रही हैं. यह घटना नदिया के बारोचंदघर क्षेत्र के मालंदी गांव में चुनाव परिणामों की आधिकारिक घोषणा से कुछ समय पहले घटी. तमन्ना के परिवार को कथित तौर पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) का समर्थक माना जाता है. परिवार ने दावा किया है कि सत्तारूढ़ पार्टी का समर्थन करने से इनकार करने के कारण राजनीतिक प्रतिशोध के रूप में उनके घर पर बम फेंका गया था. डॉ अर्चना मजूमदार के नेतृत्व में राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की एक टीम सोमवार को तमन्ना के घर गई और उसकी मां सबीना खातून से बात की तथा बंद कमरे में उनका बयान दर्ज किया. सबीना यह बताते हुए रो पड़ीं कि कैसे तृणमूल के जश्न की रैली के दौरान स्थानीय गुंडों द्वारा कथित तौर पर फेंके गए बम के टुकड़ों की चपेट में आने से उनकी बेटी की जान चली गयी थी.
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